इज़रायल (Israel) से 'ऑपरेशन अजय' (Operation Ajay) के तहत भारत पहली फ्लाइट भारत आ गई है. इस फ्लाइट से 212 भारतीय स्वदेश लौटे हैं. एक अनुमान के अनुसार, इज़रायल में 18 हजार के लगभग भारतीय फंसे हैं. इनमें ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल और छात्र हैं. बीते शनिवार को हमास (Hamas) ने इज़रायल पर हमला किया, तब से वहां युद्ध जैसे हालात हैं. इज़रायल और हमास युद्ध के बीच फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने विशेष अभियान चलाया है, जिसे 'ऑपरेशन अजयन' नाम दिया गया है.
इज़रायल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय दूतावास लोगों को डेटा तैयार कर रहा है. ऑपरेशन अजय के तहत यात्रियों को यात्रियों को "पहले आओ पहले पाओ" के आधार पर चुना जा रहा है. भारतीय यात्रियों को स्वदेश लाने का खर्च मोदी सरकार उठा रही है. इज़रायल से पहली फ्लाइट जब नई दिल्ली पहुंची, तो स्वदेश लौटे लोगों की अगवानी के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूद थे.
ऐसे बहुत से लोग हैं, जो हमास के हमले से पहले ही इज़रायल से लौटने की योजना बना चुके थे. लेकिन इज़रायल पर अचानक 7 अक्टूकर को हुए हमले के बाद एयर इंडिया ने वहां जाने वाली सभी उड़ानों को रद्द कर दिया था. एयर इंडिया ने अभी तक फ्लाइटों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाया नहीं है. ऐसे में इज़रायल में फंसे लोगों के पास भारत लौटेने का कोई जरिया नहीं था. लेकिन अब भारत ने ऑपरेशन अजय के तहत भारतीयों को स्वदेश लाने का अभियान शुरू कर दिया है.
इज़रायल में एक छात्र शुभम कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "हम भारत सरकार के आभारी हैं... अधिकांश छात्र थोड़ा घबरा गए थे. अचानक हमने भारतीय दूतावास के माध्यम से प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए कुछ अधिसूचना और लिंक देखे, जिससे हमारा मनोबल बढ़ा. हमें लगा जैसे भारतीय दूतावास हमारे साथ खड़ा है, जो हमारे लिए बहुत बड़ी राहत थी और फिर हमारी मुसीबतें दूर होती चली गईं."
'ऑपरेशन अजय' के तहत संचालित विशेष उड़ान में सवार होने के लिए तेल अवीव हवाई अड्डे पर छात्रों सहित भारतीयों की अभी भी लंबी कतार है.
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर दूतावास का ट्वीट विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक संदेश के बाद आया, जिसमें बुधवार को ‘ऑपरेशन अजय' शुरू करने की घोषणा की गई थी. जयशंकर ने लिखा, "इजराइल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ‘ऑपरेशन अजय शुरू किया जा रहा है. विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. हम विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं."
युद्ध के छठे दिन इज़रायली सेना ने कहा कि इजराइल में 222 सैनिकों सहित 1,300 से अधिक लोग मारे गए हैं. मिस्र और सीरिया के साथ 1973 में हफ्तों तक चले युद्ध के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत नहीं देखी गई. वहां के अधिकारियों के अनुसार, हमास शासित गाजा पट्टी में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 1,417 लोग मारे गए हैं.
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