रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां की जायदाद के बंटवारे की प्रक्रिया के तहत मंगलवार को रियासतकालीन आर्मरी के दरवाजे खुले तो सबकी आंखें फटी रह गईं. आर्मरी में सोना और चांदी जड़ित हथियार मिले हैं. पहले दिन सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका. अभी दो दिन और गिनती की जाएगी.
इससे पहले जिला न्यायालय ने आर्मरी खोलने के आदेश जारी किए थे. जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने इसके लिए एसडीएम पुंडीर, सीओ विद्या शुक्ल और शस्त्रों के जानकार राशिद खां व आमिर खां को कमेटी में शामिल किया था.
एडवोकेट कमिश्नर मुजम्मिल हुसैन व सौरभ सक्सेना ने कमेटी की मौजूदगी में आर्मरी के ताले खुलवाये. यहां नवाब खानदान के सदस्य भी थे. जो ताले नहीं खुल सके, उन्हें तोड़ दिया गया.
ताले खोले गये तो सब हैरान रह गये. यहां संदूकों और अलमारियों में बेशकीमती हथियारों का जखीरा था. कुछ हथियारों पर सोना और चांदी भी जड़े थे.
एडवोकेट कमिश्नर ने सभी हथियारों की गिनती कराई. इस काम में काफी लंबा वक्त लगेगा.
पहले दिन सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका. अभी दो दिन और गिनती की जाएगी. गिनती में पहले चार सौ से ज्यादा शस्त्र मिले हैं, जिनमें तलवारें, खंजर, भाले, पिस्टल, बंदूकें, रायफल और अन्य हथियार शामिल हैं. शस्त्रों की संख्या हजारों में है.
एडवोकेट, कमिश्नर के साथ-साथ आर्मरी में मिले शस्त्रों की सूची प्रशासन भी बना रहा है. आर्मरी से जो शस्त्र मिले हैं, उनमें लंदन, हॉलैंड, जर्मनी, अमेरिका, स्पेन, जापान आदि देशों की प्रमुख कंपनियों के शस्त्र शामिल हैं. इनमें रामपुर में बने शस्त्र भी शामिल हैं.
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