बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य में शराब के सेवन, उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद राज्य में शराब तस्करी, पीने के मामले रोजाना सामने आते रहते हैं। इतना ही नहीं कई बार जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो चुकी है। फिर भी लोग सुधर नहीं रहे हैं। ताजा मामला नालंदा का है जहां पांच लोग शराब की वजह से काल के गाल में समा गए हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
दरअसल, नालंदा जिले के सोहसराय थाना इलाके के छोटी पहाड़ी और पहाड़ तल्ली मोहल्ला में संदेहास्पद स्थिति में एक साथ 9 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग गंभीर हालत में निजी क्लीनिक में इलाजरत हैं। सभी मृतकों के परिजन शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने से मौत की बात बता रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद के बाद सदर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी मौके पर पहुंच कर परिजन से जानकारी ले रहे हैं।
हालांकि अभी तक जहरीली शराब पीने से मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मगर स्थानीय लोग भी आस-पास के इलाके में चुलाई शराब बनाने की बात बता रहे हैं। वहीं मानपुर थाना इलाके के हरगावा गांव में भी दो लोगों के शराब पीने की मौत की चर्चा है।
इससे पहले समस्तीपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के बल्लीपुर गांव में 7 दिसंबर को तीन लोगों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। कुछ बीमार लोग छुपकर इलाज करवा रहे थे। सभी ने गांव में ही एक शादी समारोह में शराब पी थी। मरने वाले तीनों मजदूर वर्ग से ताल्लुक रखते थे। पुलिस को इसकी भनक न लगे इसलिए परिजनों ने चोरी-छुपे अंतिम संस्कार कर दिया था।
पिछले साल नवंबर में मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब का सेवन करने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। मुजफ्फरपुर में कांटी प्रखंड में शराब पीने से आधा दर्जन लोग बीमार हो गए थे जबकि 6 की मौत हो गई थी। वहीं एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई थी। सभी ने पंचायत चुनाव के प्रत्याशी द्वारा बंटवाई गई शराब पी थी।
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