उत्तर प्रदेश के हाथरस में सितंबर में हुए गैंगरेप कांड पर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. एसआईटी ने राज्य सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट दी है, जिसे अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश किया जा सकता है.
हाईकोर्ट में सोमवार को हाथरस कांड को लेकर सुनवाई होनी है, जहां यूपी सरकार को अपना पक्ष रखना है. अब एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर ही स्थानीय डीएम पर एक्शन लिया जा सकता है.
हाथरस कांड पर सोमवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी है. इस दौरान गृह सचिव तरुण गाबा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की ओर से हलफनामा दाखिल किया जाना है.
क्या है मामला, क्यों हुआ था विवाद?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित युवती से गैंगरेप हुआ था, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 29 सितंबर को युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार किया.
इसी दौरान स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हुए थे और कुछ लोगों को सस्पेंड भी किया गया था. इस मसले पर काफी राजनीतिक बवाल हुआ था, जिसके बाद यूपी सरकार ने पूरे केस की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी.
हाथरस कांड पर गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में SIT बनाई गई थी, जिसने हर पहलू की जांच की. शुरुआत में SIT को जांच के लिए सात दिन का वक्त मिला था, लेकिन उसके बाद दस दिन अधिक दिए गए. अब जाकर SIT ने अपनी जांच पूरी की है और सरकार को रिपोर्ट सौंपी है.
हालांकि, अब हाथरस कांड की पूरी जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम अबतक पीड़ित परिवार, आरोपियों के परिवार से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा सीबीआई ने कई बार घटना वाली जगह का भी दौरा किया है.
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