दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल यानी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने ED को पेशी से पहले एक जवाब दिया है था. इसमें सीएम केजरीवाल ने लिखा कि उनके खिलाफ BJP के कहने पर ही ये नोटिस भेजा गया है. साथ ही उन्होंने कहा था कि को चाहिए कि वह इस मामले में अपना नोटिस तुरंत वापस ले.
ED के समन पर केजरीवाल ने कहा था कि ये इसलिए भी किया जा रहा है ताकि मैं चुनाव प्रचार न कर सकूं. नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर जांच एजेंसी के समन के बाद कोई शख्स कितनी बार पेशी से बच सकता है. और ऐसे में ED के पास और क्या-क्या विकल्प बचते हैं.
जानकारों के अनुसार अगर कोई शख्स ED के समक्ष पेश होने से मना कर देता है तो ऐसे में ईडी पेश होने वाले से पेश ना होने को लेकर जायज वजह बताने को कह सकती है. साथ ही ED इसके लिए संबंधित शख्स को समय भी दे सकती है. दी गई समय सीमा पूरी होने के बाद ED दोबारा से समन जारी कर सकती है. बता दें कि कोई भी शख्स ईडी के समन पर तीन बार अगर पूछताछ के लिए नहीं पहुंचा तो फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है.
इतना ही नहीं अगर जरूरत महसूस हुई तो ED उस शख्स के खिलाफ ईडी गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा सकता है. इसके बाद कोर्ट मामले की गंभीरता को समझते हुए उस शख्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकता है. गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद ED संबंधित शख्स को गिरफ्तार तक कर सकती है.
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