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सऊदी की शरण में फिर पहुंचा कर्ज तले दबा पाकिस्तान, 3 दिन की यात्रा पर गए इमरान खान, जानें मकसद

रिश्तों में तल्खी के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे हैं। कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सऊदी अरब की यह यात्रा नाराज क्राउन प्रिंस को मनाने के रूप में देखी जा रही है। शुक्रवार को जब इमरान खान सऊदी अरब पहुंचे तो जेद्दाह एयरपोर्ट पर सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उनकी आगवानी की। अपनी इस तीन दिनों यात्रा के दौरान इमरान खान अरब देश के शीर्ष नेतृत्व से द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों पर वार्ता करेंगे। दोनों मुल्क रिश्तों में हाल आए तनाव के बाद इन्हें ठीक करने की दिशा में काम कर रहे हैं। 

यात्रा के पहले दिन पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और सऊदी अरब ने दोनों देशों के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग का वादा भी किया और समझौतों पर दस्तखत किया। माना जा रहा है कि इमरान खान अपनी इस यात्रा से सऊदी के साथ अपने संबंधों को फिर से ठीक करने की कोशिश करेंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इमरान खान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के न्यौते पर वहां गए हैं। प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्य शामिल हैं।

माना जा रहा है कि सऊदी नेतृत्व के साथ प्रधानमंत्री इमरान की बातचीत आर्थिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, पाकिस्तानी कामगारों के लिए नौकरी, वहां पर रह रहे पाकिस्तानी प्रवासियों के कल्याण समेत द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को कवर करेगी। इस यात्रा के दौरान कई समझौतों पर दस्तख्त किए जाने की उम्मीद है।

इस यात्रा के दौरान इमरान खान 'इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव यूसुफ अल ओसैमीन, वर्ल्ड मुस्लीम लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल ईसा और मक्का तथा मदीना की दो पवित्र मस्जिदों के इमामों से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के सऊदी अरब के साथ रिश्तों में 2015 में तब तनाव आ गया था जब पाकिस्तान ने यमन में सऊदी जंग के लिए सैनिक भेजने से मना कर दिया था।  यह भी माना जाता है कि पाकिस्तान सऊदी अरब और भारत के बीच गहरे होते रिश्तों से खुश नहीं है।

सऊदी के कर्ज तले दबा है पाकिस्तान
सऊदी अरब ने इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के कुछ समय बाद साल 2018 में पाकिस्तान को 6.2 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। सऊदी अरब द्वारा घोषित 6.2 बिलियन डॉलर के कर्ज वाले पैकेज में कुल 3 बिलियन डॉलर का कर्ज और 3.2 बिलियन डॉलर की एक ऑयल क्रेडिट की सुविधा शामिल थी। 

कुरैशी ने किया था सऊदी को नाराज
कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी की बैठक बुलाने में सऊदी अरब का समर्थन नहीं मिलने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बौखलाहट सामने आई थी। पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्‍व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी बैठक आयोजित नहीं करने को लेकर धमकाया था और इसकी सऊदी की आलोचना की थी। इतना ही नहीं, कुरैशी ने मुस्लिम देशों के इस संगठन को तोड़ने की भी धमकी दी थी। पाकिस्‍तान के एक लोकल न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था, 'मैं एक बार फिर से पूरे सम्‍मान के साथ इस्लामिक सहयोग संगठन से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। अगर आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्‍य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्‍लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्‍मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं और जो दबाए गए कश्मीरियों का साथ देते हैं।'

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