चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात से गुजर रहा है. इस दौरान 23 लोग घायल हुए हैं, लेकिन किसी के मारे जाने की खबर नहीं है. ऐसा संभव इसलिए हो पाया, क्योंकि तूफान आने से पहले ही सुरक्षा के मद्देनजर कई कदम उठा लिये गए थे. 94,427 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जिनमें 8,900 बच्चे हैं. शेल्टर होम में बच्चों का मन बहलाने के लिए कई तरीके आजमाए जा रहे हैं.
बृहस्पतिवार को गुजरात के कच्छ जिले में दस्तक देने के बाद कई हिस्सों में काफी बारिश हुई है. कच्छ जिले में चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवा चली और भारी बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. जिले में बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए, कई इलाकों में बिजली गुल हो गई और समुद्र के पास निचले इलाकों में पानी भर गया.
तूफान से मद्देनजर निकाले गए 94,427 लोगों में से कच्छ जिले में 46,800, देवभूमि द्वारका में 10,749, जामनगर में 9,942, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,822, जूनागढ़ में 4,864, पोरबंदर में 4,379 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को निकाला गया है. जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, उनमें 8,900 बच्चे, 1,131 गर्भवती महिलाएं और 4,697 बुजुर्ग शामिल हैं. इन आठ जिलों में कुल 1,521 आश्रय गृह बनाए गए हैं. चिकित्सा दल नियमित अंतराल पर इन आश्रय गृहों का दौरा कर रहे हैं.
भारत सरकार की तरफ से तूफान से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए गए. इस खतरनाक तूफान को लेकर लोगों में डर का माहौल है. इधर, शेल्टर्स में बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रम के आयोजन किया जा रहा है. ताकि तूफान को लेकर जो उनके मन में डर है वो खत्म हो सके. मनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों की देखरेख की जा रही है. बच्चों को संगीतमय कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं. प्रेरणादायक कहानियां सुनाई जा रही है. शेटर होम में हर वो संभव प्रयास किया जा रहा है, जिससे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण घर छोड़ने का बुरा प्रभाव बच्चों के मन-मस्तिष्क पर न पड़े.
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