कोरोना संक्रमण अब बच्चों (Corona Infection In Childrens) को संक्रमित कर रहा है. राजधानी दिल्ली से सटे क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंतित कर दिया है. खासकर छोटे बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. चौथी लहर की आशंका लोगों के मन में घर करने लगी है. गाजियाबाद (Ghaziabad) के बाद नोएडा (Noida) के स्कूलों में कोरोना संक्रमण (Covid Infection in Schools) दस्तक देता दिख रहा है. नोएडा के डीपीएस स्कूल में आठ बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट सामने आई है. इसके साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले 26 छात्र अब तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. गाजियाबाद के सेंट फ्रांसिस स्कूल और केआर मंगलम स्कूल से कोरोना के मामले मिले हैं.
नोएडा डीपीएस में पढ़ने वाले 12 वर्षीय छात्र को पहले बुखार की समस्या सामने आई. इसकी जांच कराई गई तो वह कोरोना पॉजिटिव मिला. दो दिन पहले उसे कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था. हालांकि, उसकी एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी. कोरोना के लक्षणों को देखते हुए उसकी आरपीटीसीआर जांच कराई गई. इस दौरान वह कोरोना पॉजिटिव मिला. इसके बाद अन्य छात्रों की जांच की गई. इसमें 8 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी की उम्र 8 से 18 वर्ष के बीच है. सबसे पहले संक्रमित होने वाले बच्चों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई थी. हालांकि, बाद में इंफेक्टेड पाए जाने वाले आठ में से दो बच्चों को वैक्सीन लग चुकी है.
बढ़ते संक्रमण ने बढ़ाई चिंता
बच्चों के बीच बढ़ते कोरोना संक्रमण ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. अभी तक नोएडा और गाजियाबाद के कम से कम 6 प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 26 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इस वजह से दो स्कूलों को 18 अप्रैल तक के लिए बंद किया गया है. नोएडा में इससे पहले सोमवार को एक स्कूल में 13 स्टूडेंट और तीन शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए. गुड़गांव में 24 घंटे में 129 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. तीन मार्च के बाद से यह सबसे बड़ी संख्या होगी. यहां पर संक्रमण दर 8.54 तक पहुंच गई है. ऐसे में बच्चों के बचाव के लिए अभिभावक इन अदातों को जरूर डलवाएं.
- बच्चों को अभिभावक कोरोना वायरस और उसके खतरे के बारे में जानकारी दें.
-स्कूल में हाथों को सैनिटाइज करते रहने के बारे में बताएं.
-बच्चों को हिदायत दें कि पेन-पेंसिल जैसी चीजों को मुंह में न डालें.
-अभिभावक ध्यान दें कि स्कूल बसों के ड्राइवर और कंडक्टर मास्क को जरूर पहनें. माता-पिता ध्यान रखें कि एक सीट पर एक ही बच्चे को बैठाया जाए.
-स्कूल मैनेजमेंट ध्यान रखे कि भीड़ न बढ़े, इसलिए अलग-अलग ट्रिप में बस चलाई जाए. बस को सैनिटाइज किया जाए.
-स्कूल के बच्चों का रोजना बॉडी टेम्परेचर जांचा जाए. ज्यादा होने पर बच्चों को घर भेज दें.
-स्कूल में एंट्री के लिए मास्क अनिवार्य कर देना चाहिए.
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