प्रयागराज में पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान विरोध प्रदर्शन की सूचना ने खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। विरोध करने, काला झंडा दिखाने और कार्यक्रम के दौरान अराजकता फैलाने वाले 50 से अधिक संदिग्धों को खुफिया एजेंसियों ने अपने रडार पर रखा है। उनके मोबाइल से ट्रैप करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं चाहती है।
बताया जा रहा है कि भले ही किसान आंदोलन खत्म हो चुका है लेकिन कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति करने में लगे हैं। नेताओं के करीबी चर्चा में आने के लिए इस कार्यक्रम में अराजकता फैला सकते हैं। जो बड़े चेहरे हैं, उनके बारे में पुलिस को जानकारी है लेकिन इस तरह के कार्यक्रम में विरोध करने वाले हर बार नए चेहरे होते हैं। इसलिए उनको ट्रैप करना पुलिस और खुफिया एजेंसियों के लिए मुश्किल हो जाता है। पिछली बार इसी परेड मैदान में पीएम के कार्यक्रम में शर्ट उतारकर काला कपड़ा दिखाने वाले नए चेहरे थे। इसलिए इस बार खुफिया एजेंसियां हर संदिग्ध पर नजर बनाए हुए है।
प्रयागराज में हमेशा ही नेताओं को काला झंडा दिखाने में नए चेहरे सामने आए। 2018 में अमित शाह प्रयागराज दौरे पर आए थे। उनका काफिला धूमनगंज से गुजर रहा था। खुफिया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी और अचानक से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की दो छात्राएं नेहा यादव और रमा यादव ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाए। इतना ही नहीं नेहा अमित शाह को रोकने के लिए उनकी गाड़ी के सामने आ गई थी। इसी तरह कुछ साल पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी केपी कॉलेज मैदान में रैली करने आई थी। उस वक्त छात्र नेता अभिषेक यादव ने सोनिया गांधी को काला झंडा दिखाया था।
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