महाराष्ट्र पुलिस ने हथियारों की तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. महाराष्ट्र की पिंपरी-चिंचवाड पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 75 देसी पिस्टल, रिवाल्वर की बिक्री और तस्करी की पुष्टि की. आरोपियों के पास से 42 हथियार और 66 गोलियां बरामद हुईं हैं.
डीसीपी सुधीर हिरेमथ ने कहा कि पिंपरी-चिंचवाड की क्राइम ब्रांच के 4 अधिकारियों ने अपने जीवन को खतरे में डाला. उन्होंने कोरोना काल में ज्यादा मेहनत की और अवैध हथियारों के इस रैकेट का पर्दाफाश किया.
डीसीपी सुधीर ने कहा कि ये हथियार धार जिले में बने हैं जो मध्य प्रदेश में आता है. धार महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है. जब्त किए गए हथियारों की कीमत करीब 20 लाख रुपये है.
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यह ऑपरेशन पुणे के सांगवी इलाके में गणेश माली की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ. गणेश माली से पूछताछ करते हुए सप्लायर गोटू मारुति गीते का नाम सामने आया, जिसे बीड से पकड़ा गया.
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जांच कर रही टीम ने गोटू से 6 पिस्टल और 15 गोलियां जब्त कीं. इसके बाद से मुख्य आरोपी को पकड़ने की तलाश शुरू हुई. लॉकडाउन के कारण आरोपियों को पकड़ने में दिक्कतें हुईं. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन में छूट दी गईं और आवागमन की इजाजत मिली, तो क्राइम ब्रांच की टीम के सदस्य सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में पहुंचे, जहां अवैध हथियार निर्माण की यूनिट होती है.
इस बार टीम में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर मोहन शिंदे, असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर अम्बरीश देशमुख और पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत सईद शामिल थे. टीम ने एमपी के धार जिले के सिंघाना गांव में रात को धावा बोला और गिरफ्तारी की.
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