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राज्यसभा में जया बच्चन का नोटिस, बॉलीवुड को ड्रग्स से बदनाम करने की साजिश

संसद में लगातार दूसरे दिन फिल्म इंडस्ट्री का मसला गूंजा है. पहले दिन रवि किशन ने बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन की जांच की बात कही थी, अब दूसरे दिन जया बच्चन ने इंडस्ट्री को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है.

कोरोना वायरस संकट के बीच संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. मंगलवार को मॉनसून सत्र का दूसरा दिन है. समाजवादी पार्टी की सांसद और दिग्गज अभिनेत्री जया बच्चन ने राज्यसभा में शून्य काल में नोटिस दिया है. जया बच्चन ने ये नोटिस फिल्म इंडस्ट्री को जानबूझकर बदनाम करने पर दिया है, जिसपर पिछले काफी दिनों से विवाद जारी है. जया बच्चन ने यहां कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश चल रही है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हर रोज 5 लाख लोगों को सीधा रोजगार देती है. देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और चीजों से ध्यान हटाने के लिए हमारा इस्तेमाल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर हमपर निशाना साधा जा रहा है. हमें सरकार से भी समर्थन नहीं मिल रहा है. जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री के सहारे ही नाम कमाया उन्होंने इस गटर कहा. मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं. 

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आपको बता दें कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच लगातार जारी है. इससे इतर ड्रग्स कनेक्शन की जांच हो रही है, जिसमें बॉलीवुड के कई नाम सामने आ रहे हैं. इससे पहले सुशांत केस में नेपोटिज्म का मसला जोरों पर उठा था, ऐसे में बीते कई दिनों से फिल्म इंडस्ट्री ऐसे ही मुद्दों को लेकर खबरों में हैं. यही कारण है कि बॉलीवुड की ओर से कई बार उनके खिलाफ एजेंडा चलाए जाने की बात कही है.

इससे पहले सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन ने लोकसभा में ड्रग्स ट्रैफिकिंग का मसला उठाया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इससे देश का युवा बर्बाद हो रहा है और बॉलीवुड में भी इसके बड़े कनेक्शन हैं. रविकिशन ने बॉलीवुड में व्यापक जांच की बात कही थी.

बता दें कि कोरोना संकट काल में संसद का सत्र दो शिफ्ट में चल रहा है. ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में सुबह की पाली में कार्यवाही हो रही है. मंगलवार को कांग्रेस नेता राजीव सातव ने भी शून्य काल का नोटिस दिया और मराठी आरक्षण पर चर्चा की मांग की. उनके अलावा डीएमके सांसद तिरुची सिवा ने नोटिस देकर NEET परीक्षाओं पर चर्चा और उनके कारण हो रही सुसाइड की घटना पर मंथन की मांग की.

इस बार के संसद सत्र में प्रश्नकाल नहीं है. ऐसे में कुछ वक्त शून्य काल के लिए दिया गया है, जहां पर सांसद चर्चा कर सकते हैं. इसके अलावा सांसदों के पास लिखित में सवाल पूछने का भी अधिकार है. 

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