दिल्ली अपने पिछले दोनों मैच जीती है और हैदराबाद हारी है. दिल्ली के अभी तक दो मैचों में लगभग सब कुछ सही रहा है. पहले मैच में किस्मत भी उसके साथ थी, इसलिए किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ सुपर ओवर में जीत उसके हिस्से आई थी. दूसरे मैच में उसने अपने उम्दा प्रदर्शन से चेन्नई सुपर किंग्स को मात दी थी.
चेन्नई के खिलाफ युवा पृथ्वी शॉ का बल्ला चला था. शॉ ने अर्धशतक जमाया था. शिखर धवन, ऋषभ पंत और कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी अच्छी पारियां खेली थीं. दिल्ली का बल्लेबाजी क्रम जिस तरह का है, उससे बड़ा स्कोर दूर नहीं लगता है और बहुत संभव है कि हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली के स्कोरबोर्ड पर बड़े स्कोर देखने को मिल जाएं. शॉ ने पिछले मैच में 43 गेंदों पर 64 रन बनाए थे. धवन, अय्यर और पंत ने रन तो किए थे लेकिन उस अंदाज में नहीं जिसके लिए वे जाने जाते हैं. इस मैच में दिल्ली चाहेगी की उसके यह तीनों बल्लेबाज खासकर पंत अपनी पुरानी लय में लौटे.
गेंदबाजी में दिल्ली बेहद मजबूत नजर आ रही है. कैगिसो रबाडा, एनरिक नोर्टजे ने पिछले मैच में भी अच्छा किया था. अक्षर पटेल और अमित मिश्रा भी प्रभावी रहे थे. रविचंद्रन अश्विन की क्या स्थिति है, इस पर अभी तक कुछ पता नहीं चला है. अगर अश्विन आते हैं तो अमित मिश्रा को बाहर जाना पड़ सकता है.
हैदराबाद को अगर जीत चाहिए तो उसे अपने बल्लेबाजी क्रम की मुश्किलों को सुलझाना होगा. जॉनी बेयरस्टो, डेविड वॉर्नर और कुछ हद तक मनीष पांडे के बाद टीम के पास कोई ऐसा बल्लेबाज नहीं है, जो टी-20 प्रारूपों की जरूरत को पूरा कर तेजी से रन बना सके. बीते दोनों मैचों में हैदराबाद को यही कमी ले डूबी है. वॉर्नर, बेयरस्टो चल जाते हैं तो टीम का स्कोर अच्छा रहता है, लेकिन यह दोनों अगर जल्दी आउट हो गए तो टीम के लिए सम्मानजनक स्कोर बनाना भी मुश्किल होता है.
मोहम्मद नबी कुछ हद तक तेजी दिखा सकते हैं, लेकिन हैदराबाद को आंद्रे रसेल, कीरोन पोलार्ड जैसे किसी खिलाड़ी की जरूरत है. प्रियम गर्ग, ऋद्धिमान साहा, अभिषेक शर्मा यह रोल नहीं निभा पा रहे हैं और न ही इनके पास वो अनुभव है जो टीम को निचले क्रम में चाहिए. यहीं हैदराबाद को काम करने की जरूरत है.
जहां तक गेंदबाजी की बात है तो यहां हैदराबाद कुछ भी कर सकती है. उसके पास कम स्कोर को भी बचाने की काबिलियत है. भुवनेश्वर कुमार तेज गेंदबाजी आक्रमण की धुरी हैं. संदीप शर्मा उनका अच्छा साथ देते हैं. स्पिन में टीम के पास राशिद खान जैसा स्पिनर है और अगर टीम बदलाव नहीं करती है तो मोहम्मद नबी भी गेंद से अहम रोल निभा सकते हैं. टीम संयोजन पर भी हैदराबाद को काम करना पड़ेगा.
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