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क्राइम

कम कीमत का ऑफर देकर ब्रांडेड मोबाइल की जगह भेजते थे पत्थर, चढ़े पुलिस के हत्थे

भोपाल पुलिस ने दिल्ली से 2 ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जो ब्रांडेड मोबाइल को सस्ते में बेचने का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करते थे. सौदा होने पर ब्रांडेड मोबाइल के बॉक्स में गत्ते के टुकड़े या पत्थर डालकर ग्राहक को चूना लगा देते थे.

भोपाल पुलिस ने दिल्ली से 2 ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जो ब्रांडेड मोबाइल को सस्ते में बेचने का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करते थे. सौदा होने पर ब्रांडेड मोबाइल के बॉक्स में गत्ते के टुकड़े या पत्थर डालकर ग्राहक को चूना लगा देते थे. 

दरअसल, भोपाल के कोलार इलाके के रहने वाले एक शख्स कुबेर ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उसके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई थी. बात करने वाले ने अपने आप को कंपनी का रिप्रेजेन्टेटिव बताते हुए ऑफर के तहत रेडमी नोट मोबाइल फोन जिसकी असल कीमत करीबन 25 हजार रुपये है, को सिर्फ 4500 रुपये में देने को कहा है. पेमेंट डिलीवरी के बाद करने के लिए बोला है. 

इसके बाद 3 अगस्त को उसके घर पर पोस्टमैन एक पैकेट लेकर आया और पोस्टमैन को 4,500 रुपये का पेमेंट किया गया. पीड़ित कुबेर ने बताया कि जब उसने पैकेट को खोला तो उसके अंदर मोबाइल की जगह गत्ते के टुकडे रखे मिले. 

कोलार पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद उसे सही पाया और केस दर्ज कर लिया. तफ्तीश में पुलिस को जानकारी मिली कि ठगों का ये गैंग दिल्ली में बैठकर ठगी करता है. इसपर भोपाल साउथ एसपी साई कृष्णा थोटा ने पुलिस टीम का गठन किया और उसे दिल्ली भेजा गया. 

भोपाल पुलिस दो दिन तक दिल्ली में रहकर आरोपियों की मोबाइल लोकेशन से पीछा करती रही और आखिरकार उसे अनाम हैदर और जफर खान को पकड़ने में सफलता मिल गई. दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने दिल्ली के नांगलोई और नजफगढ़ रोड पर किराए का मकान ले रखा है जहां से वो अपने गोरखधंधे को अंजाम देते थे. 

ऐसे करते थे ठगी

इसके आधार पर पुलिस ने इन मकानों से मोबाइल फोन और कई ब्रांडेड कंपनियों के मोबाइल फोन के कवर और पैकेट जब्त किए हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोगों को ब्रांडेड मोबाइल ऑफर के तहत सस्ते में बेचे जाने का झांसा देते थे और जब व्यक्ति मोबाइल लेने के लिए राजी हो जाता तो उसका पता लेकर मोबाइल पैकेट के आकार का एक पैकेट तैयार कर डाक से भेज देते थे.

ग्राहक मोबाइल की कीमत डाकिया को दे देता था जिसके बाद ये दोनों अपने संबंधित डाकघर से उस रकम को ले लेते थे. लोगों को ठगने के लिए आरोपी गूगल से किसी भी कंपनी का सिम नंबर, सीरीज़ कॉपी कर लेते थे और उसके नंबर आगे पीछे बदलकर लोगों को फोन लगाते थे. 

दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं आरोपी 

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम और बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई कर चुके हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कबूल किया है कि सालों से वो लोगों को इसी तरह ठग कर मोटी रकम कमा चुके हैं और उससे दिल्ली में मकान भी बना चुके हैं. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश में है कि इन्होंने कितने लोगों को ठगा है. इसके लिए कोलार पुलिस भोपाल और आसपास के जिलों में सूचना देकर इस प्रकार के अपराध के शिकार हुए लोगों की जानकारी ले रही है.

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