हाथरस कांड में अब एक और नया मोड़ आया है. सीबीआई टीम को आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई अहम सबूत मिले हैं. इसके साथ ही केस में पुलिस की लापरवाही का एक और मामला आया सामने आया है. जेल गए बंद चारों आरोपियों में से एक आरोपी की उम्र 18 साल से कम है.
आरोपी की मां का कहना है कि ये मार्कशीट मेरे बेटे की ही है, वो नाबालिग है. सीबीआई की टीम घर आई थी और मार्कशीट लेकर गई है. साथ ही मेरे बड़े बेटे के कपड़े को भी लेकर गई है. आज तक/इंडिया टुडे के पास आरोपी की दसवीं क्लास की मार्कशीट है, जिस पर जन्म तारीख 2 दिसंबर 2002 दर्ज है.
सीबीआई के हाथ आरोपी की हाईस्कूल की मार्कशीट लगने के बाद घटना से जुड़े सभी सस्पेंड पुलिसकर्मियों से पूछताछ की गई. इससे पहले अलीगढ़ जेल में चारों आरोपियों से सीबीआई ने 8 घंटे तक लंबी पूछताछ की. इसके साथ ही जेएन अस्पताल में डॉक्टरों से भी सवाल जवाब किया गया.
सीबीआई की टीम सोमवार को सुबह 11 बजे अलीगढ़ जेल पहुंची है, जहां जेल में बंद 4 आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश से लंबी पूछताछ की और शाम 7:30 बजे सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकली. सीबीआई की टीम के कई अफसरों के हाथ में केस से जुड़े दस्तावेज भी थे.
सीबीआई की टीम को महिला डीएसपी सीमा खुद लीड कर रही थीं. साथ मे कई अफसर भी शामिल थे. सीबीआई की दूसरी टीम अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां उन डॉक्टरों से लंबी पूछताछ की गई, जिन्होंने पीड़िता का इलाज किया था. पीड़िता को हाथरस के बाद इसी अस्पताल में लाया गया था.
हाथरस केस की जांच में सीबीआई की टीम ने जब से संभाली थी, तब से पीड़िता के परिवार वालों से ही लगातार पूछताछ की जा रही थी. पीड़िता के भाई, भाभी, पिता और मां से सीबीआई ने कई दफा पूछताछ की थी, लेकिन अब जांच का दायरा आरोपियों की तरफ बढ़ा है. इन सबके बीच एक चश्मदीद विक्रम उर्फ छोटू भी सामने आया था, जिसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए.
चश्मदीद विक्रम उर्फ छोटू से सीबीआई ने दो दफा पूछताछ की थी. सीबीआई की टीम ने मौका-ए-वारदात का कई बार मुआयना कर चुकी है. केस से जुड़े लगभग सभी लोगों से सीबीआई की टीम पूछताछ कर चुकी है. अब सीबीआई का जांच का दायरा सबसे ज्यादा उसकी तरफ बढ़ेगा, जो शक के दायरे ने होगा.
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