बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल नीतीश सरकार के 15 साल के कामकाज को लेकर लगातार घेरने में जुटे हुए हैं. इसे नीतीश के कार्यकाल से उपजे एंटी इनकंबेंसी को भुनाने की कवायद के तौर देखा जा रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार रैली में कहा कि आपको याद दिलाना पड़ेगा कि नीतीश कुमार को हमारे साथ काम करते हुए साढ़े तीन साल ही हुए हैं. इसे विपक्ष के 15 साल के एंटी इनकंबेंसी के तोड़ के तौर पर देखा जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार के लोगों ने जब आरजेडी-कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया और नीतीश कुमार को मौका दिया तो ये बौखला गए. इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने केंद्र में यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार और यहां के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला. पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लालू यादव केंद्र की यूपीए सरकार में रहते हुए रोड़े अटकाते रहे और नीतीश कुमार को 10 साल तक काम करने का मौका नहीं दिया.
'इसलिए नीतीश ने छोड़ा आरजेडी का साथ'
पीएम मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार के 18 महीने में आरजेडी ने क्या किया, ये किसी से छिपा नहीं है. वो (महागठबंधन) फिर बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं. जब नीतीश जी इस खेल को समझ गए तो उन्हें सत्ता छोड़ने का फैसला लेना पड़ा, बिहार के भविष्य के लिए हम फिर नीतीश जी के साथ आए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आपको याद दिलाना पड़ेगा कि नीतीश कुमार को हमारे साथ काम करते हुए साढ़े तीन साल ही हुए हैं. बिहार में आज एनडीए के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं. बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है. नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है.
2005 में बनी थी नीतीश सरकार
बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी-जेडीयू की 2005 में पहली सरकार बनी तो उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी. केंद्र की यूपीए सरकार में आरजेडी अहम सहयोगी थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. यूपीए की केंद्र में 2014 तक सरकार रही और 2015 के विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार कांग्रेस-आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़े और सरकार बनाई थी.
महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने थे. हालांकि, 18 महीने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ हाथ मिला लिया.
महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के 15 साल के कार्यकाल को लेकर सवाल उठा रहे हैं. तेजस्वी अपनी हर रैली में बीजेपी-जेडीयू से 15 साल का हिसाब मांग रहे हैं और पूछ रहे हैं कि पिछले 15 साल में विकास में क्या काम हुआ बताएं. इस तरह से नीतीश सरकार के खिलाफ उपजे एंटी इनकंबेंसी की काट पीएम मोदी ने तलाश ली है. पीएम मोदी ने यह कह कर तोड़ निकाला है कि नीतीश कुमार हमारे साथ महज साढ़े तीन साल से ही काम कर रहे हैं.
जेडीयू के दोबारा एनडीए में आने पर पीएम मोदी ने कहा कि मेरे पीएम बनने के बाद बिहार और केंद्र सरकार ने तीन साल तक मिलकर काम किया है, अब हमारी सरकार आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण में जुटी है.
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