असम पुलिस ने जेईई मेन्स परीक्षा में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. पुलिस ने जेईई में 99.8% प्रतिशत अंकों के साथ असम में टॉप करने वाले उम्मीदवार, उसके पिता डॉ ज्योतिर्मय दास (गुवाहाटी के एक डॉक्टर) और प्रॉक्सी (अपनी जगह दूसरे व्यक्ति से पेपर लिखवाना) का इंतजाम करने वाले तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है.
आरोप है कि जेईई टॉपर नील नक्षत्र दास ने बिना परीक्षा दिए ही मेन्स परीक्षा में 99.8% प्रतिशत हासिल कर लिए. यानी कि नील नक्षत्र दास ने 5 सितंबर को हुई परीक्षा में एक प्रॉक्सी का उपयोग किया था. इसी मामले में पिता-पुत्र समेत हमेन्द्र नाथ सरमा, प्रांजल कलिता और हीरालाल पाठक (गुवाहाटी में परीक्षा केंद्र के कर्मचारी) को गिरफ्तार किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, गुवाहटी के मथुरानगर निवासी मित्रदेव शर्मा ने अजरा पुलिस स्टेशन में जेईई मेन्स टॉपर के खिलाफ हाल ही में एक शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस में दर्ज की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रॉक्सी के इस्तेमाल के लिए जेईई मेन्स टॉपर के पिता ने काफी रकम खर्च की थी.
इसी एफआईआर के आधार पर अजरा पुलिस ने जांच शुरू कर की है. केस नंबर 624/2020 के मामले में अजरा पुलिस ने आईपीसी की धारा 120(B)/419/420/406 और आईटी एक्ट R/W 66D के तहत मामला दर्ज किया है.
असम पुलिस के सीपीआरओ राजीब साइकिया के मुताबिक असम पुलिस ने बुधवार को इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं गुवाहटी पुलिस कमिश्नर मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उम्मीदवार ने एक मध्य एजेंसी की मदद से परीक्षा के लिए एक प्रॉक्सी का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने कहा कि हमारी जांच जारी है. गुवाहाटी में टेस्टिंग सेंटर के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं. हमलोग इस अपराध में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के लिए सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे हैं.
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