बिहार के कैमूर जिले में पुलिस ने अपाहिज (अंधा-लगंड़ा) बनकर चोरी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को दबोचा है. इस गिरोह की नजर बैंक ग्राहकों पर रहती थी. 2 नवंबर को इस गिरोह ने बैंक से नकदी निकालकर ला रहे एक ग्राहक को अपना शिकार बनाया. ग्राहक ने इस गिरोह के एक सदस्य को रंगे हाथों दबोच लिया. इसकी निशानदेही पर गिरोह के दो अन्य सदस्यों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
कैमूर जिले के पंजाब नेशनल बैंक मोहनिया में 2 नवंबर को बैकुंठ सिंह पैसे निकालने के लिए आए थे. बैकुंठ ने बैंक से 50 हजार रुपये निकाले. थैले में रखकर बैंक के बाहर आने लगे. इस दौरान अपाहिज गैंग ने उन्हें अपना निशाना बनाया. गिरोह के दो सदस्य जिसमें से एक अंधा और दूसरा लंगड़ा बनकर बैकुंठ सिंह के सामने आए. लंगड़े ने बैकुंठ सिंह को टक्कर मार दी.
बैकुंठ जैसे ही नीचे गिरते हुए संभले, तो अंधे ने उनके थैले पर ब्लैड मारकर 50 हजार की रकम पार कर ली. ये सब इतनी जल्दी हुआ कि बैकुंठ कुछ समझ नहीं पाए. जब नकदी वाला थैला लेकर बैकुंठ बागे बढ़े तो वजन कम होने पर शक हुआ. इस दौरान उन्होंने टक्कर मारने वाले लंगड़े व्यक्ति को पकड़ लिया, वहीं अंधे होने का नाटक करने वाला शातिर रकम लेकर फरार हो गया.
बैंक परिसर से इस तरह हुई चोरी की जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शातिर को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी. पूछताछ में शातिर ने अपना नाम सत्येंद्र कुमार बताया. उसने बताया लॉकडाउन में काम धंधा बंद हुआ, तो उसने कुछ साथियों के साथ मिलकर अपना गिरोह बना लिया, जो बैंक में अपाहिज होने का नाटक कर ग्राहकों को अपना शिकार बनाते हैं. वहीं पुलिस ने सत्येंद्र की निशानदेही इस गिरोह के अन्य सदस्य विजय सिंह और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले में कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया इस गिरोह के सदस्य बेहद शातिर हैं. सभी लगभग अधेड़ उम्र के हैं, जिससे किसी को इन पर शक भी नहीं होता था. अपाहिज बनकर लोगों की संवेदना प्राप्त करते हुए ये चोरी करते थे. गिरफ्त में आये शातिरों का आपराधिक इतिहास भी है. इन शातिरों ने बताया कि रोहतास के न्यू डिलिया के रहने वाले करीब 40 सदस्य जिले की कई बैंकों में सक्रिय हैं, जो इस तरह चोरी करने का काम करते हैं.
Comments
Leave Comments