हाथरस केस के मामले में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने आज बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े चार सदस्यों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है. चारों आरोपियों में दिल्ली से हाथरस जाते वक्त मथुरा में 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. UP STF इन चारों से PFI लिंक और हाथरस हिंसा की साजिश को लेकर पूछताछ करेगी.
सितंबर में हाथरस में हुए गैंगरेप कांड के बाद वहां लगातार राजनीतिक लोगों का आना जाना रहा था. इसी के बाद यूपी पुलिस ने यह दावा किया था कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय दंगा फैलाने की साजिश हो रही है. इसी मामले में चार की गिरफ्तारी की गई थी, जिन्हें मथुरा की जेल में बंद किया हुआ है.
पत्रकार सिद्दीक कप्पन, सिविल सेवा की तैयारी करने वाले मसूद अहमद, पीएचडी करने वाले अतीकुर्रहमान और उनके ड्राइवर मोहम्मद आलम को गिरफ्तार किया गया था. इन पर राजद्रोह समेत अन्य कई केस दर्ज किए गए. बीते दिनों मनी ट्रेलिंग से जुड़े सवालों के लिए ईडी ने भी इन सभी से पूछताछ की थी.
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की विशेष यूनिट ने पिछले महीने हाथरस कांड के पीएफआई कनेक्शन की जांच शुरू कर दी. साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की साजिश की भी जांच की जा रही है.
अगली सुनवाई 25 नवंबर को
इस बीच हाथरस में गैंगरेप केस और मौत के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को 25 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करने का निर्देश दिया है. यानी कि अब सीबीआई 25 नवंबर को विवेचना की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी.
कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अगली सुनवाई तक हाथरस के डीएम पर भी फैसला ले लिया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया कि हाथरस के एसपी को हटाने की वजह मृतका का आधी रात को किया गया अंतिम संस्कार नहीं है.
Comments
Leave Comments