ग्राहकों का पैसा हजम करने के लिए एक एलआईसी एजेंट ने खुद के अपहरण की ही साजिश रच ली. पुलिस ने जब मौजूदा नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो उसका झूठ सामने आ गया. यह मामला यूपी के संत कबीर नगर का है.
एलआईसी एजेंट राघवेंद्र यादव यूपी के संत कबीर नगर जिले के मेहदावल थाना क्षेत्र के डांडियाकला गांव का रहने वाला है. बीते 7 नवंबर को उसके परिजनों ने पुलिस में अपहरण की सूचना दी. तलाश के बाद वो मिल गया. पूछताछ में उसने बताया कि पिछले लंबे समय से वह एलआईसी का कार्य कर रहा है.
विगत कुछ दिनों से उसने ग्राहकों का पैसा एलआईसी में न जमा कर अपने पास ही रखा हुआ था जिसकी सूचना ग्राहकों को लगी कि एलआईसी कार्यालय में उनका पैसा नहीं जमा हुआ है. वे राघवेंद्र यादव के पास बार-बार वह कॉल किया करते थे जिससे उसने एक साजिश के तहत एलआईसी कस्टमरों का पैसा हजम करने की साजिश रची जो अपने ही अपहरण की थी.
राघवेंद्र यादव ने एक नया सिम लेकर अपने ससुर शंभू नाथ यादव को अपनी झूठी कहानी सुनाई और कहा कि मुझे बोलेरो से चार आदमी फरीदाबाद से अपहरण कर बिहार के सिवान जिले में किसी अनजान जगह में ले गए हैं और मुझे बंधक बना लिया है. मैं बहुत हैरान परेशान हूं, सूचना मेरे घर वालों को दे दी जाए.
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पुलिस ने मौजूदा नंबर का जब सर्विलांस किया तो नंबर चिलुआताल गोरखपुर बता रहा था. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते ही पूरे मामले का खुलासा कर वैधानिक कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है.
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