विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने COVID-19 प्रबंधन रणनीति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रशंसा की है. राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार डब्ल्यूएचओ कंट्री रिप्रेजेंटेटिव रोडरिको ने कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए यूपी सरकार की रणनीतिक प्रतिक्रिया प्रशंसनीय है और अन्य राज्यों के लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकती है.
आधिकारिक बयान में आगे कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार द्वारा COVID-19 प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले संपर्कों पर नज़र रखने के लिए. COVID-19 सकारात्मक मामलों के उच्च जोखिम वाले संपर्कों तक पहुंचने के लिए 70,000 से अधिक फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में काम किया.
WHO की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के सम्पर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है. कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत से ही ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
ऐसे रोका संक्रमण
राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी परियोजना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तैयार की गई 800 चिकित्सा अधिकारियों की प्रशिक्षित टीम ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेलीफोनिक साक्षात्कार, सर्वे और कोरोना संक्रामित मरीज के परिवार की जांच कराने के साथ उनसे लगातार सम्पर्क बनाए रखा. कोरोना संक्रमण के विश्लेषण के लिए राज्य कार्यालय में दैनिक डेटा एकत्र किया गया. सरकार के साथ संक्रमण की रफ्तार को लेकर नियमित समीक्षा की गई और डेटा को साझा किया गया.
डर से संक्रमण को छुपा रहे थे लोग
डब्लूएचओ के फील्ड मॉनिटर अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के खौफ की वजह से लोग जानकारी छुपाने का काम कर रहे थे. ऐसे में चिकित्सा अधिकारियों की टीम ने लोगों को जागरूक किया. बीमारी की गंभीरता के बारे में बताया. डब्लूएचओ के क्षेत्रीय टीम लीडर डॉ मधुप बाजपेयी बताते हैं कि 1 लाख 63 हजार 536 कोविड-19 संक्रमित मरीज के कॉन्टैक्ट में आने वाले 93 प्रतिशत लोगों की जांच की गई. हालांकि इसमें से संक्रमित मरीज के कॉन्टैक्ट में आने वाले 7 प्रतिशत लोग की जांच नहीं हो पाई थी.
वहीं, 17 जिले ऐसे थे जहां उच्च जोखिम वाले 10 प्रतिशत लोगों का कॉन्टैक्ट टेस्ट नहीं हो पाया था. जहां बाद में कॉन्टैक्ट टेस्टिंग व जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. सरकार ने हाई-केस लोड वाले जिलों में निगरानी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए और टीमों को तैनात किया. बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के संपर्क ट्रेसिंग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण साबित हुई. डब्लूएचओ के कंट्री रिप्रजेंटेटिव टू इंडिया डॉ रोडेरिको टूरीन कहते हैं कि यूपी सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जो प्रक्रिया अपनाई है, वह भारत के दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय है.
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