ड्रग्स केस में गिरफ्तार ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पॉल जी बार्टल्स को मुंबई की विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने बार्टल्स को जमानत देते हुए यह भी कहा कि जांच के शुरुआती चरण में किसी अभियुक्त को सलाखों के पीछे रखने के लिए सह अभियुक्त के साथ केवल वॉट्सएप संदेश पर्याप्त नहीं है. खासकर तब, जब आरोपी के पास से किसी तरह की कोई बरामदगी न हुई हो.
एनडीपीएस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसएच सतभाई ने यह आदेश पारित किया, जिन्होंने पिछले आठ साल से भारत में रह रहे ऑस्ट्रेलियाई आर्किटेक्ट बार्टल्स को जमानत दी. बर्टल्स मुंबई के सांताक्रूज पश्चिम क्षेत्र में रहता है. बार्टल्स को पिछले हफ्ते ड्रग्स की कथित खरीद-फरोख्त और उपभोग के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था.
एनसीबी की ओर से जमानत का विरोध करते हुए यह दलील दी गई कि बार्टल्स और ए डेमेट्रिएड्स, निखिल आर के बीच चैट हैं. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि ड्रग्स पेडलर या ड्रग्स सप्लायर के रूप में अभियुक्त की भूमिका प्रमाणित करने के लिए वॉट्सएप संदेश पर्याप्त नहीं हैं. कोर्ट ने बार्टल्स को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. साथ ही पासपोर्ट सरेंडर करने और देश ना छोड़ने, एनसीबी के सामने महीने में दो बार पेश होने के निर्देश भी दिए हैं.
गौरतलब है कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ड्रग्स एंगल की जांच कर रहा है. इस मामले में फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक को गिरफ्तार किया गया था. एनसीबी की टीम ने अभिनेता अर्जुन रामपाल के साथ ही कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की थी. कई ड्रग्स पेडलर्स को गिरफ्तार भी किया गया था.
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