बिहार के औरंगाबाद में जिला जज के साथ मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी पुलिस अधिकारी को याचिका में पार्टी बनाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका में सुधार कर आरोपी इंस्पेक्टर को पार्टी बनाएं. अब मामले की सुनवाई दो हफ्ते के बाद बोगी. सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
पिछले महीने औरंगाबाद के जिला जज को एक पुलिस अधिकारी ने मारपीट की थी. इस बाबत वकील विशाल तिवारी ने एक याचिका लगाई है. इस याचिका में 21 अक्टूबर को पुलिस उप-निरीक्षक द्वारा औरंगाबाद के जिला जज का पीछा करने, गाली-गलौज देने और मारपीट करने की अखबारी रिपोर्ट्स का जिक्र है. उस समय जिला जज शाम की सैर पर थे.
इस घटना के बाद, 'द एसोसिएशन फॉर जजेस' ने सुप्रीम कोर्ट और पटना हाईकोर्ट को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में विशाल तिवारी ने कहा कि घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और जिला जज को कोई सुरक्षा नहीं दी गई है. उनका कहना है कि न्यायाधीश पर हमला पूरी न्यायपालिका और कानूनी बिरादरी पर एक धब्बा है, और अगर आरोपी को छोड़ दिया जाता है, तो यह आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रभावारिता में जनता के विश्वास को कम करेगा.
वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने और बिहार के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ उनकी कथित निष्क्रियता के कारण कार्रवाई की मांग की.
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