1. ग्रहण को नग्न आंखों से देखने का भी परहेज करना चाहिए. ग्रहण के समय भोजन करने और बनाने दोनों से बचना चाहिए. ग्रहण के बाद स्नान करने से उसका प्रभाव कम हो जाता है.
2. चंद्र ग्रहण के बाद बासी खाना या रात का बचा हुआ भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसा भोजन पशुओं को डाल दें. यदि घर में दूध से बनी चीजें रखी हैं तो उन्हें फेंकने की बजाए उनमें तुलसी के पत्ते डाल दें.
3. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए. क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है. इसके अलावा बुजुर्ग और पीड़ित व्यक्ति को भी बाहर जाने से परहे करना चाहिए.
4. ग्रहण के समय कभी बाल और नाखून न कटवाएं, इस समय कोई सिलाई-कढ़ाई का काम न करें. ये अशुभ माना जाता है. इस दौरान नुकीली चीजों जैसे की छुरी, कांटा या सूई का इस्तेमाल ना करें.
5. ग्रहण के दौरान किसी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचें. असफलता हाथ लग सकती है. साथ ही ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए.
6. ग्रहण काल के वक्त मांस या मदिरा पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल की अवधि में नींद लेने से भी बचना चाहिए.
7. ग्रहण की अवधि शुरू होने से पहले खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें. इससे खाने की चीजों पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि ग्रहण काल में तुलसी की पत्तों को ना तोड़ें.
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