स्टोरी हाइलाइट्स
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून के एक महीने पूरे हो गए है. पिछले महीने की 28 तारीख को योगी सरकार ने धर्म परिवर्तन कानून बनाया था. इसके बाद से अब तक उत्तर प्रदेश में 14 केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 51 लोग गिरफ्तार किए थे. अभी भी 49 आरोपी जेल में हैं.
खास बात है कि 14 में से 13 मामलों में हिंदू महिलाओं पर जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव बनाने का आरोप है. इसमें से दो मामलों में शिकायकर्ता खुद पीड़िता है. इसके अलावा 12 केस में शिकायतकर्ता पीड़िता के रिश्तेदार हैं. इसमें से आठ मामलों में दोनों ने कहा कि वह दोस्त या रिश्ते में हैं, जबकि दो ने कहा कि वह शादी कर चुके हैं.
आपको बता दें कि धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को 27 नवंबर को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत बिजनौर में 3 मामले दर्ज किए गए हैं, तो वहीं शाहजहांपुर में 2 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा बरेली, मुजफ्फरनगर, मऊ, सीतापुर, हरदोई, एटा, कन्नौज, आजमगढ़ और मुरादाबाद जिलों में केस रजिस्टर किए गए हैं.
एक ऐसा मामला भी है, जिसमें पीड़ित महिला का अभी तक पता नहीं चला है. दूसरी ओर, कुल मामलों में से 8 ऐसे हैं, जिनमें दंपति ने खुद को एक-दूसरे का दोस्त बताया. एक जोड़े ने शादी करने का दावा किया. एक मामले में जबरन ईसाई धर्म स्वीकार करने का आरोप लगाया गया है. इसमें आजमगढ़ में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि अध्यादेश लागू होने के ठीक एक दिन बाद, पहला मामला बरेली के देवरनिया पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, जिसमें लड़की के पिता टीकाराम राठौर ने शिकायत की थी कि आवा अहमद (22) ने उनकी बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया. बरेली पुलिस ने 3 दिसंबर को आवा अहमद को गिरफ्तार किया था.
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