वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. कैपिटल हिल हिंसा के बाद हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है. प्रतिनिधि सभा में उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित हो गया है और सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रंप के कई ‘अपने’ भी उनका साथ छोड़ गए हैं. प्रतिनिधि सभा में पेश हुए महाभियोग प्रस्ताव में पक्ष में 232 सांसदों ने वोट किए, जबकि 197 वोट महाभियोग के खिलाफ पड़े. जिन सांसदों ने पक्ष में वोटिंग की, उनमें रिपब्लिकन पार्टी के 10 सांसद भी शामिल हैं.
निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पार्टी होने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनके खिलाफ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि पहले जब प्रस्ताव पेश किया गया था तब ट्रंप के खिलाफ एक भी रिपब्लिकन ने वोट नहीं किया था, जबकि इस बार 10 सांसद उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं. महाभियोग प्रस्ताव पर रिपब्लिकन पार्टी में पड़ी फूट से डेमोक्रेटिक सदस्य उत्साहित हैं. उन्हें उम्मीद है कि सीनेट में भी उन्हें ऐसे ही रिपब्लिकन का साथ मिलेगा.
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दिनों में उनका साथ छोड़ने वालों में एडम किंजिंगर (इलिनोइस), लिज चेनी (व्योमिंग), डैन न्यूहाउस (वॉशिंगटन), जॉन काटको (न्यूयॉर्क), जेमी हेरेरा बेउटलर (वॉशिंगटन), एंथोनी गोंजालेज (ओहियो), फ्रेड अप्टन (मिशिगन), पीटर मीजर (मिशिगन), टॉम राइस (साउथ कैलिफोर्निया) और डेविड वलदो (कैलिफोर्निया) शामिल हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव यानी प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन की तरफ से नंबर 3 की पोजीशन रखने वालीं लिज चेनी (Liz Cheney) ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो ट्रंप के खिलाफ वोट करेंगी. लिज रिपब्लिकन के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी की बेटी हैं.
लिज की तरह, रिपब्लिकन जॉन काटको और एडम किंजिंगर ने भी ऐलान किया था कि वो महाभियोग के पक्ष में मतदान करेंगे. कहा जा रहा है कि तीनों सांसदों को मानाने की पार्टी स्तर पर कोशिश भी की है, लेकिन तीनों अपने रुख पर कायम रहे. अब समस्या ये है कि यदि सीनेट में ट्रंप के सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया, तो उनके ऊपर महाभियोग का दाग हमेशा-हमेशा के लिए लग जाएगा और उन्हें अपना कार्यकाल समाप्त होने से बमुश्किल कुछ घंटे पहले ही पद छोड़ना होगा. जो ट्रंप और उनके समर्थकों ने बदनामी से कम नहीं है. सीनेट में 19 जनवरी को महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
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