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बिजनेस

सेंसेक्स नई ऊंचाई की ओर- चढ़ते बाजार में कहीं हो न जाए घाटा, निवेश करते समय रखें इन चीजों का ध्यान

जरूरी नहीं है कि जिस शेयर में बड़े इनवेस्टर और वित्तीय संस्थान पैसा लगा रहे हैं वह छोटे निवेशकों के लिहाज से भी मुफीद हों. इसलिए रिटेल निवेशकों को देखा-देखी से बचना चाहिए.

 

ग्लोबल मार्केट में तेजी के साथ सेंसेक्स 50 हजार प्वाइंट्स को छूने को है. बुधवार को सेंसेक्स में 394 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले कुछ दिनों से शेयर मार्केट लगातार बढ़ता दिख रहा है. वैक्सीनेशन शुरू होने से इकोनॉमी में रिकवरी की उम्मीदों को मजबूती मिली है. लिहाजा निवेशक, अब ज्यादा जोखिम वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर रहे हैं. यही वजह है कि निवेशकों के बढ़ते निवेश से शेयर मार्केट कुलांचे भर रहा है. इस तेजी को देखते हुए कई नए निवेशक शेयर मार्केट में एंट्री की सोच रहे हैं. लेकिन तेजी के इस माहौल में निवेशकों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. आइए जानते हैं वे क्या हैं.

मार्केट चढ़ने के साथ गिरता भी है

 

मार्केट का चढ़ना स्थायी नहीं है. एक चढ़ते हुए बाजार में कंपनियों की वैल्यूएशन ज्यादा होती है. इसलिए आपको कंपनियों के शेयर महंगे मिलेंगे.  मार्केट को चढ़ते देख कर निवेश के लिए बाजार में एंट्री ठीक नहीं है. तेजी से चढ़ते मार्केट में उतनी ही तेजी से गिरावट भी आती है. इसलिए सावधान रहना चाहिए.

 

भेड़चाल से बचें

 

चढ़ते मार्केट में एक भेड़ चाल दिखती है. कई ब्रोकरेज और निवेश सलाहकार कंपनियां भी चढ़ते हुए शेयर को ही और चढ़ाती हैं. इनकी सलाहों से बचने की कोशिश करें. जरूरी नहीं है कि जिस शेयर में बड़े इनवेस्टर और वित्तीय संस्थान पैसा लगा रहे हैं वह छोटे निवेशकों के लिहाज से भी मुफीद हों. इसलिए रिटेल निवेशकों को देखा-देखी से बचना चाहिए.

 

कंपनियों के शेयरों की बढ़त नहीं उनका फंडामेंटल देखिए

 

किसी भी शेयर में निवेश से पहले उनके फंडामेंटल पर गौर करना जरूरी है. यह देखिए कि कंपनी की वैल्यूएशन क्या है. पिछली कुछ तिमाहियों में इसका प्रदर्शन क्या रहा है. कंपनी पर कितना कर्ज है और उसे खत्म करने के लिए वह क्या कर रही है. कंपनी के मौजूदा प्रोजेक्ट्स की क्या स्थिति. इन हालातों पर गौर करने बाद ही निवेश का फैसला करें.

 

रिसर्च करें

 

निवेश से पहले रिसर्च है. रिसर्च का सोर्स भी प्रामाणिक होना चाहिए. आप इनवेस्टिंग सलाह देने वाली साइटों, बिजनेस अखबारों, एनएसई और बीएसई पर दर्ज कंपनियों के ब्योरे से जानकारी जुटा कर निवेश का फैसला ले सकते हैं. जिन कंपनियों के शेयरों में जितनी ज्यादा जानकारी जुटाएंगे, उनमें निवेश का आपका फैसला भी उतना ही सही साबित होगा.

 

लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान दें

 

रिटेल निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी सबसे सही होती है. मार्केट से अगर पैसा कमाना है तो आपको लंबे समय को लक्ष्य बना कर निवेश करना होगा. शॉर्ट टर्म निवेश बाजार के अनुभवी खिलाड़ियों के लिए है. रिटेल निवेशकों को हमेशा एक वित्तीय लक्ष्य को रख कर निवेश करना चाहिए.

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