आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज घोषणा की कि नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैंक की प्रमुख नीतिगत दर 6.50 प्रतिशत ही रहेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है. यह साफ है कि अब किसी प्रकार का लोन में ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक मुंबई में संपन्न हुई है. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा बृहस्पतिवार यानी 10 अगस्त की गई.
आमतौर पर माना जा रहा है कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति इस बार भी प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगी.
उल्लेखनीय है कि विशेषज्ञों का मानना था कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंता के बीच ब्याज दर में इस बार भी बदलाव नहीं करेगा. उनका कहना था कि एमपीसी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर्ज की लागत को स्थिर रखने पर ध्यान देगी.
बता दें कि पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने रेपो दर में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था. हालांकि, फरवरी से केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी को रोक दिया. फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो दर को 6.25 से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया था.
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8-10 अगस्त के बीच चलनी तय रही है. गवर्नर शक्तिकांत दास नीतिगत निर्णय की घोषणा 10 अगस्त यानी आज कर सकते हैं.
बता दें कि आरबीआई ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला पिछले साल मई में शुरू किया था, हालांकि फरवरी के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है. इसके बाद अप्रैल और जून में दो द्विमासिक नीति समीक्षाओं में प्रधान उधारी दर में फेरबदल नहीं हुआ था. हाल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व जैसे कई केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखा जाएगा.
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