भारत ने आखिरी बार हॉकी में ओलंपिक मेडल 1980 में जीता था, 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक मेडल जीतकर मनप्रीत एंड कंपनी ने इतिहास रच डाला है। भारत ने जर्मनी को 5-3 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। हॉकी में भारत का यह 12वां ओलंपिक मेडल है। भारत इससे पहले हॉकी में आठ गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रोन्ज ओलंपिक मेडल जीत चुका है। पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने वापसी की। सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम ने बेल्जियम के खिलाफ की गई गलितियों से सबक लेते हुए इस मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। भारत की ओर से सिमरनजीत सिंह ने दो, जबकि हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किए।
पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद दूसरे क्वार्टर में स्कोर 3-3 का हो गया था। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम जर्मनी पर काफी हावी होकर खेली और टीम को इसका फायदा भी मिला। पहले क्वार्टर का स्कोर 0-1 था, फिर दूसरे क्वार्टर में स्कोर 3-3 का रहा। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने जबर्दस्त पलटवार करते हुए स्कोर 5-3 कर दिया। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी ने गोल दागकर स्कोर 4-5 कर दिया। श्रीजेश ने एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन किया और जर्मनी के गोल के मौकों को नाकाम किया। आखिरी के तीन मिनट में भारत ने एक और पेनाल्टी कॉर्नर जर्मनी को दिया। श्रीजेश और भारतीय डिफेंडर्स ने जर्मनी को इस मौके का फायदा नहीं उठाने दिया। भारत को सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था, जबकि जर्मनी को ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
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