तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने देश को कोरोना वायरस मुक्त घोषित कर दिया है. यह ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ भगवान के आशीर्वाद से ही संभव हो पाया है. हालांकि उन्होंने देशवासियों से अभी भी एहतियात बरतने का आग्रह किया है.
राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने कोरोना वायरस से देश को मुक्त कराने का श्रेय स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों, फ्रंट लाइन हेल्थ केयर वर्कर्स और प्रार्थना कर रहे नागरिकों को दिया है. मागुफुली ने यह घोषणा देश की राजधानी डोडोमा में स्थित एक चर्च में की.
मागुफुली ने मास्क से मुक्ति मिलने पर एक बड़ा सेलिब्रेशन भी किया. उन्होंने कहा, 'यह एक बड़ा संकेत है कि देश अब महामारी के खतरे से बाहर आ चुका है और लोगों में इसका डर भी खत्म हो गया है.' पिछले सप्ताह मागुफुली ने कहा था कि 'डर एस सलाम' के एक बड़े शहर के अस्पताल में अब सिर्फ चार कोरोना वायरस पीड़ित बाकी रह गए हैं.
हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंजानिया ने बीते 29 अप्रैल से अभी तक कोरोना वायरस पर कोई डेटा जारी नहीं किया है. आखिरी बार जब देश में कोरोना मामलों की गणना हुई थी तब यहां 509 पॉजिटिव केस थे, जिनमें से 21 की मौत हुई थी. अफ्रीकी देश तंजानिया की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा के नीचे है.
लोकल WHO अधिकारियों ने तंजानिया में सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन और धार्मिक स्थलों को खुला रखने पर भी चिंता व्यक्त की थी. मई के महीने में तंजानिया स्थित यूएस एंबेसी ने भी डर एस सलाम के अस्पतालों में तेजी से केस बढ़ने के बाद चेतावनी जारी की थी.
राष्ट्रपति मागुफुली शुरुआत से ही तंजानिया में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चिंतित नहीं रहे हैं. उन्होंने देशवासियों से कहा, 'कोरोना वायरस से मुक्त होने के लिए प्रार्थना करिए. जीसस के शरीर में कोई शैतानी वायरस नहीं टिक सकता है.'
उन्होंने यह भी कहा था कि खराब टेस्ट किट की वजह से देश में कोरोना पॉजिटिव के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खराब टेस्ट पर बयान देने के बाद ही तंजानिया सुर्खियों में आया था. इस दौरान उन्होंने लोगों से मस्जिद और चर्च में जाकर इबादत करने का अनुरोध भी किया था.
तंजानिया में अब यूनिवर्सिटीज़, हाई स्कूल और इंटरनेशनल ट्रैवल को फिर से खोल दिया गया है. हालांकि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों को अभी भी बंद रखा जा रहा है.
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