लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से तनातनी जारी है. सेना के सूत्रों का कहना है कि कल से अब तक हो रहे समझौते की कोशिश का कोई खास असर नहीं हुआ है. सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. बातचीत से हालात में कोई बदलाव नहीं आया है. ना सिर्फ लद्दाख बल्कि एलएसी के दूसरे हिस्सों में भी सेना अलर्ट मोड में आ गई है.
इस बीच भारतीय सेना की ओर से शहीद हुए 20 जवानों का नाम आज जारी किया जाएगा. चीनी सेना के साथ झड़प में हमारे जवान शहीद हुए हैं. झड़प की घटना 15-16 जून की की रात हुई. भारत सैनिकों का दल कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में चीनी कैंप में गया था. भारतीय दल कोई हथियार लेकर नहीं गया था.
भारतीय दल चीनी सैनिकों के पीछे हटने को लेकर बनी सहमति पर बात करने गई थी, लेकिन, वहां भारतीय सैनिकों को चीन का धोखा मिला. बॉल्डर, पत्थर, कंटीले तारों और कील लगे डंडों से चीनी सैनिकों ने हमला बोला. इस हमले के कारण कमांडिग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू और दो जवान मौके पर शहीद हो गए, जबकि कई जवान घायल हो गए.
झड़प जिस प्वाइंट पर हुई उसके ठीक नीचे उफनती हुई श्योक नदी बहती है. कई सैनिकों के नदी में बहने की खबर है. कई जख्मी सैनिक इलाके में शून्य से कम तापमान की वजह से अपने जख्मों से उबर नहीं पाए और शहीद हो गए. भारत की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, 20 जवान शहीद हुए हैं.
चीन ने अपने नुकसान को लेकर मुंह खोलने की हिम्मत नहीं दिखाई है लेकिन खबर है कि नुकसान उधर तगड़ा हुआ है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीन के 43 सैनिक या तो मारे गए हैं या फिर बुरी तरह जख्मी हुए हैं. चीन के धोखे से देश गुस्से में है. दिल्ली में इसे लेकर कल लगातार बैठकें होते रहीं.
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