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TikTok-माइक्रोसाफ्ट डील में ट्रंप ने मांगा अमेरिका का कमीशन! ये अभूतपूर्व है

  • टिकटॉक को कारोबार बेचने को ट्रंप प्रशासन ने किया मजबूर
  • माइक्रोसॉफ्ट इसका बड़ा हिस्सा लेने के लिए कर रही बातचीत
  • राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इसमें अमेरिका को कट मिलना चाहिए

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा टिकटॉक (TikTok) को खरीदने के संभावित सौदे में अमेरिका के कट यानी हिस्सा मिलने की बात कही है. यह वास्तव में कारोबार जगत के लिए अभूतपूर्व बात है. इसके पहले शायद ही किसी राष्ट्राध्यक्ष ने ऐसी मांग की हो.

चीनी कंपनी टिकटॉक (TikTok) को अपना अमेरिकी कारोबार बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस चीनी वीडियो ऐप पर बैन लगाने की बात कही है. टिकटॉक के दावे के मुताबिक अमेरिका में इस वीडियो ऐप के करीब 10 करोड़ यूजर हैं. गौरतलब है कि भारत सरकार पहले भी सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देकर टिकटॉक पर बैन लगा चुकी है.

क्यों सख्त है अमेरिकी प्रशासन

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि टिकटॉक अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. हालांकि, टिकटॉक पर अमेरिका किस तरह से बैन लगा सकता है यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि इसके पहले कभी भी किसी कंज्यूमर ऐप को बैन नहीं किया गया है. टिकटॉक ने इस बात से साफ इनकार किया कि वह कोई भी अमेरिकी डेटा चीन सरकार से साझा करती है.

माइक्रोसॉफ्ट ने इस बात की पुष्टि तो कर दी है कि वह टिकटॉक को खरीदने के लिए बात कर रही है. लेकिन यह सौदा कितने में हो सकता है अभी इसके बारे में माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है.

क्या कहा ट्रंप ने

एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'इस कीमत का बड़ा प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को मिलना चाहिए, क्योंकि हमने इस सौदे को संभव बनाया है. हम यह चाहते हैं कि और हमारा यह मानना है कि इसका एक बड़ा प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को मिले, हमारे खजाने में आए.'

कैसे मिल सकता है कमीशन!

एक ​अमेरिकी एक्सपर्ट हाल सिंगर ने कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा कि ट्रंप क्या सोच रहे हैं. क्या अमेरिका इस जबरन सौदे में अपना vig हासिल करेगा.' vig एक तरह का अपशब्द है जिसका मतलब है किसी लोन पर गैरकानूनी तरीके से ब्याज का हिस्सा लेना, या किसी जुए में दलाल के द्वारा फीस वसूलना.

एडवोकेसी ग्रुप पब्लिक नॉलेज के सीनियर एडवाइजर जीन कि​मेलमैन ने कहा, 'इस तरह के भुगतान का कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है. मुझे नहीं लगता कि इस बात का कोई कानूनी आधार है कि इस सौदे में अमेरिका को कोई हिस्सा मिले.'

 

 

 

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