दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषी मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया है. निर्भया के दोषी मुकेश ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अपनी फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषी मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया था.
कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. निर्भया के दोषी मुकेश ने अपनी याचिका में कहा था कि वह वारदात के समय दिल्ली में नहीं था, बल्कि राजस्थान में था. हालांकि अदालत ने उसकी इस दलील को मानने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट में भी याचिका दायर कर 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की है. पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार की दोपहर 12 बजे सुनवाई होनी है.
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दोषियों के वकील की दलील है कि एक दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. पवन की क्यूरेटिव पिटीशन अभी लंबित है. इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. वहीं, एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई है. अक्षय की दया याचिका पर भी राष्ट्रपति का फैसला अभी आना बाकी है. ऐसे में 20 मार्च को फांसी देने के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए.
तीन बार टल चुकी है फांसी
कानूनी दांव-पेंच के सहारे निर्भया के गुनहगार तीन बार फांसी टलवाने में सफल रहे हैं. अब चौथी बार भी इसी प्रयास में दोषियों के वकील ने देश में उपलब्ध कानूनी विकल्पों का सहारा लेने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को भी पत्र लिखा है. वकील एपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से फांसी पर रोक लगाने और निचली अदालत से भी सभी रिकॉर्ड अपने पास मंगवाने की अपील की है. बता दें कि निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी होनी है.
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