उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कोरोनिल दवा मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाई कोर्ट में तीनों को एक सप्ताह के भीतर जवाब देना होगा.
बाबा रामदेव के कोरोनिल के संबंध में किए गए दावे के मामले में जस्टिस रमेशन रंगनाथन और जस्टिस आरसी खुलबे की डिवीजन बेंच ने यह आदेश जारी किया है. हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह जवाब मांगा गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हाई कोर्ट में फार्मेसी कंपनी पतंजलि, उत्तराखंड के आयुष विभाग के निदेशक, आईसीएमआर और राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दायर करना होगा.
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निम्स यूनिवर्सिटी के बारे में ही गया है कि दवा बनाने में इस विश्वविद्यालय ने साथ दिया है. दरअसल हाई कोर्ट में मणि कुमार नाम के एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की थी और मांग की थी कि इस दवा पर बैन लगाया जाए.
याचिका में स्वामी रामदेव पर आरोप लगया गया है कि वे लोगों को कोरोनिल मेडिसिन लॉन्च करके भरमा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह दवा कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज कर सकती है.
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