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क्राइम

अवैध शराब का धंधा, राशन कोटे पर कब्जा, ऐसे चलता था विकास दुबे का साम्राज्य

कानपुर शूटआउट केस में गिरफ्तारी के बाद दयाशंकर अग्निहोत्री ने विकास दुबे के कई राज खोल दिए. दयाशंकर ने बताया कि कैसे राशन कोटे के आवंटन में विकास दुबे की मनमर्जी चलती थी और कैसे वह बाग में बदमाशों के साथ मीटिंग करता था.

  • विकास दुबे के करीबी दयाशंकर ने किए कई खुलासे
  • बाग में बदमाशों की मीटिंग करता था विकास दुबे

     

     

कानपुर शूटआउट केस में पुलिस को पहली बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस के हत्थे गैंगस्टर विकास दुबे का गुर्गा चढ़ा है, जो उस रात उसके साथ था. गिरफ्तारी के बाद दयाशंकर अग्निहोत्री ने विकास दुबे के कई राज खोल दिए. दयाशंकर ने बताया कि कैसे राशन कोटे के आवंटन में विकास दुबे की मनमर्जी चलती थी और कैसे वह बाग में बदमाशों के साथ मीटिंग करता था.

पुलिस पूछताछ में दयाशंकर अग्निहोत्री ने बताया कि विकास दुबे का अवैध शराब का काम था. पुलिस मुठभेड़ में मारा गया बदमाश अतुल दुबे इस काम को संभालता था. इसके साथ ही शिवराजपुर ब्लॉक के राशन कोटे का आवंटन भी विकास की मर्जी से ही होता था. राशन डीलर उसके हिसाब से काम करते थे.

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दयाशंकर अग्निहोत्री ने बताया कि अगर कोई कोटेदार आनाकानी करता तो विकास दुबे अपने रसूख से राशन डीलर का लाइसेंस निरस्त करवा देता था. दयाशंकर की माने तो विकास की सारी मीटिंग गांव ने नजदीक बाग में होती थी. वहां बदमाश इकट्ठा होतेय मीटिंग की जानकारी व्हाट्स ऐप कॉल से दी जाती थी. बैठक में मोबाइल फोन जमा करवा लिए जाते थे.

गौरतलब है कि 8 पुलिस वालों के हत्यारे विकास दुबे का राजदार कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. रविवार तड़के कानपुर में ही मुठभेड़ के बाद पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के एक साथी दयाशंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार कर लिया. दयाशंकर ने कबूल किया कि विकास दुबे ने खुद पुलिस पर फायरिंग की.

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दयाशंकर अग्निहोत्री के मुताबिक, विकास दुबे को पुलिस के आने की खबर थी. थाने से ही रेड की खबर मिली थी. इसके बाद विकास ने फोन करके 20-25 लोगों को बुलाया. सभी हथियारों से लैस होकर आए थे. दया शंकर काफी वक्त से विकास के गैंग में शामिल था. पुलिस पर हमले के वक्त भी वो विकास के साथ था. दया शंकर को पुलिस काफी वक्त से तलाश रही थी.

दयाशंकर अग्निहोत्री के कबूलनामे की तस्दीक पुलिस ने भी की. कानपुर पुलिस प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि विकास दुबे गैंग की फायरिंग एसएसपी को भी गोली लगी. गोली सीधे सीने में लगी, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट के कारण उनकी जांच बच गई. आईजी भी बाल-बाल बचे. उनके कान के पास से गोली लगी.

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