महाराष्ट्र के वालुज स्थित बजाज ऑटो के प्लांट में कोरोना कहर बनकर टूटा है. अब तक 250 से ज्यादा कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं. दो कर्मचारी, जिन्हें हाइपर टेंशन और डायबिटीज की शिकायत थी, कोरोना की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई.
दरअसल बजाज ऑटो के इस प्लांट में करीब 8000 से ज्यादा वर्कर काम करते हैं. पिछले महीने के अंतिम हफ्ते में इस प्लांट में कोरोना मरीजों की संख्या करीब 140 थी, जो अब बढ़कर 250 से ऊपर पहुंच गई है. जिसके बाद ऑटो यूनियन की ओर से प्लांट को बंद करने की मांग की जा रही है.
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प्लांट बंद करने की मांग
यूनियन का कहना है कि पश्चिमी महाराष्ट्र स्थित इस प्लांट में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन मैनेजमेंट कर्मचारियों को लगातार फरमान जारी कर रहा है. यूनियन के मुताबिक कंपनी ने इसी हफ्ते कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कहा है कि जो लोग काम पर नहीं आएंगे, उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा. मैनेजमेंट के इस आदेश के बाद कर्मचारी प्लांट में आने को मजबूर हो गए हैं.
प्लांट बंद करने से कंपनी का इनकार
बजाज ऑटो वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष थेंगडे बाजीराव ने कहा कि हमने कंपनी से प्लांट को 10 से 15 दिन तक बंद करने का अनुरोध किया है, ताकि कोरोना चेन को तोड़ा जाए. लेकिन कंपनी ने कोरोना की वजह से प्लांट को फिलहाल बंदी से इनकार कर दिया है. कंपनी का कहना है कि अब कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी.
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गौतरलब है कि इस फैक्ट्री में खासकर निर्यात के लिए उच्च क्वॉलिटी की बाइक बनाई जाती हैं. फैक्टरी में लॉकडाउन की वजह से एक महीने की लंबी बंदी के बाद 24 अप्रैल से उत्पादन शुरू हुआ था. कंपनी ने कहा कि 24 अप्रैल से 6 जून तक फैक्ट्री में कोरोना का केस नहीं मिला था.
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