भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में तनाव अब कम होता हुआ दिख रहा है. सोमवार को चीनी सेना ने अपने टेंट पीछे करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी भी भारत ने सख्ती बरकरार रखी है. सोमवार रात को भारत-चीन सीमा के पास लड़ाकू हेलिकॉप्टर अपाचे ने अपना ऑपरेशन किया. यहां देर रात अपाचे, चिनूक समेत वायुसेना के कई विमान उड़ान भरते हुए दिखे और चीन पर पैनी नज़र रखते रहे.
भारत-चीन बॉर्डर पर फॉरवर्ड बेस पर अपाचे हेलिकॉप्टर ने निगरानी के लिए उड़ान भरी. भारतीय वायुसेना लगातार बॉर्डर पर अभ्यास कर रही है और हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है. सिर्फ अपाचे ही नहीं बल्कि चिनूक हेलिकॉप्टर ने भी यहां पर अभ्यास किया.
अपाचे हेलिकॉप्टर के अलावा मिग-29 समेत कई अन्य लड़ाकू विमान इससे पहले लेह के आसमान में उड़ान भरते हुए देखे गए हैं.
बता दें कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में पिछले ही साल 8 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों ने जगह बनाई थी, जिसके बाद सेना मजबूत हुई थी. अपाचे हेलिकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है.
इसकी मारक क्षमता खतरनाक होती है, साथ ही इसका डिजाइन ऐसा होता है कि रडार की पकड़ में भी ना आ सके. अपाचे लगभग 280 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है, तो 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता रखता है. ये हेलिकॉप्टर बिना रुके करीब तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है.
गौरतलब है कि चीन ने सोमवार को गलवान घाटी के पास से अपने कदम पीछे खींचे हैं. जिस जगह दोनों देशों के बीच झड़प हुई थी, अब चीनी सेना वहां से करीब दो किमी. तक पीछे चली गई है. दोनों देशों के बीच तय हुआ है कि बॉर्डर पर तनाव की स्थिति को कम किया जाएगा. इसके लिए अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री में बात हुई है.
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