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येस बैंक 15 हजार करोड़ की पूंजी जुटाने के लिए लाएगा FPO, सस्ते में शेयर लेने का मिलेगा मौका

संकटग्रस्त बैंक को बचाने के लिए बोर्ड ने अब फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के द्वारा बैंक को 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की इजाजत दी है. ये शेयर बाजार से कम रेट पर मिल सकते हैं.

  • येस बैंक को सुधारने के लिए नए बोर्ड ने दी ​पूंजी जुटाने की मंजूरी
  • यह निवेशकों के लिए सस्ते में शेयर खरीदने का मौका होगा

संकटग्रस्त बैंक को बचाने के लिए नया निदेशक मंडल लगातार कोशिश कर रहा है. बोर्ड ने अब फर्दर या फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के द्वारा बैंक को 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की इजाजत दी है. यह निवेशकों के लिए येस बैंक में सस्ते भाव में निवेश का अच्छा मौका भी होगा.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस FPO की संभावित प्राइसिंग में 45 से 55 फीसदी का डिस्काउंट किया जा सकता है यानी ये बाजार से करीब आधे रेट पर उपलब्ध होंगे. इस खबर के आने के बाद बुधवार को येस बैंक के शेयर करीब 2 फीसदी की तेजी के साथ 26 रुपये के आसपास चल रहे थे.

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क्या होता है FPO

जब स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कोई कंपनी फिर से अपने शेयरधारकों के लिए कुछ शेयर जारी करती है तो इसे फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर या फर्दर पब्लिक ऑफर (FPO) कहते हैं. सबसे पहले जब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए आम लोगों को शेयर जारी करती है तो उसे इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) कहते हैं.

क्या होगा बैंक को फायदा

इस पूंजी के द्वारा बैंक के पूंजी पर्याप्तता में करीब 10 फीसदी की बढ़त की जाएगी. बैंक की बाजार पूंजी करीब 32,317 करोड़ रुपये है. बैंक जल्दी ही बाजार नियामक सेबी और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास एफपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करेगा.

बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है, 'हम आपको बताना चाहते हैं कि बैंक के निदेशक मंडल की कैपिटल रेजिंग कमिटी ने आज 7 जुलाई, 2020 को हुई बैठक में फर्दर पब्लिक ऑफरिंग के द्वारा फंड जुटाने की मंजूरी दे दी है.'

इस एफपीओ की मदद से बैंक को अपना पूंजी पर्याप्तता अनुपात बढ़ाने में मदद मिलेगी जो वित्त वर्ष 2019-20 के अंत में 8.5 फीसदी ही था. साल 2018-19 में बैंक का सीएआर 16.5 फीसदी था.

बैंक की हालत थी खराब

गौरतलब है कि येस बैंक को वित्त वर्ष 2019-20 में 16,418 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. बैंक को इसके पिछले वित्त वर्ष में 1,720.27 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. भारतीय रिजर्व बैंक ने इसी साल येस बैंक की हालत सुधारने की एक योजना तैयार की है जिसके तहत बैंक में एसबीआई, ICICI बैंक, एचडीएफसी ने हिस्सेदारी ली है.

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SBI समेत 8 बैंकों को हिस्सा बेचकर यस बैंक ने 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई थी. मार्च में एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक यस बैंक ने शेयर बिक्री और कन्वर्टिबल बॉन्ड के जरिए पूंजी जुटाने की योजना सामने रखी थी. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रमोटर के तौर पर हटा दिया है.

बचाने के लिए सरकार का प्लान

इस साल मार्च में एसबीआई के नेतृत्व वाले इक्विटी कंसोर्टियम ने सरकार के कहने पर दस हजार करोड़ रुपए की पूंजी निवेश के जरिए येस बैंक को बेल आउट किया था. इससे एसबीआई (48.21 प्रतिशत) और अन्य वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी बैंक में बढ़ गई. इस रेस्क्यू प्लान के कारण नए बोर्ड की नियुक्ति हुई.

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