दुनिया का सबसे महंगा फंगस या यूं कहें कि कीड़ा जो बाजार में करीब 20 लाख रुपए प्रति किलो बिकता के दर से बिकता है, उसका कारोबार चीन की वजह से चौपट हो गया है. अब इसे कोई एक लाख रुपए प्रति किलो की दर से भी खरीदने नहीं आ रहा है. जबकि, इस कीड़े की सबसे ज्यादा जरूरत चीन को ही पड़ती है.
भारत के साथ सीमा विवाद के चलते और कोरोना वायरस की वजह से इस बार इस कीड़े का व्यवसाय चौपट हो गया है. इतना ही नहीं इसे अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने खतरे की सूची यानी रेड लिस्ट में डाल दिया है.
इसे हिमालयन वियाग्रा कहते हैं. इसके अलावा इसे भारतीय हिमालयी क्षेत्र में कीड़ाजड़ी और यारशागुंबा के नाम से भी जाना जाता है. पिछले 15 सालों में हिमालयन वियाग्रा की उपलब्धता में 30 प्रतिशत की कमी आई है.
IUCN का मानना है कि इसकी कमी की वजह है इसका ज्यादा उपयोग. इसे शारीरिक दुर्बलता, यौन इच्छाशक्ति की कमी, कैंसर आदि बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है.
अब IUCN की सूची में नाम आने के बाद हिमालयन वियाग्रा के बचाव के लिए राज्य सरकारों की मदद लेकर एक योजना तैयार की जा रही है. हिमालयन वियाग्रा 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मिलती है.
यह भारत के अलावा नेपाल, चीन और भूटान के हिमालय और तिब्बत के पठारी इलाकों पाई जाती है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिलों में ये काफी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिलती है.
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