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एम्स में अब नए मरीज भी दिखा सकेंगे, बदल गए ओपीडी के ये नियम

परामर्श के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ ही इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम के जरिए अपॉइंटमेंट बुक कराए जा सकते हैं. ओपीडी में प्रवेश से पहले मरीजों में इन्फ्लूएंजा की जांच की जाएगी.

  • एम्स ने जारी किया आदेश
  • ऑनलाइन होगा पंजीकरण

कोरोना महामारी के बीच ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में 25 जून को ओपीडी सेवाएं शुरू की गई थीं. तब केवल प्रत्येक डिपार्टमेंट में 15 ऐसे मरीजों को ही परामर्श लेने की अनुमति दी गई थी, जो पहले से ही एम्स के चिकित्सकों से सलाह लेते रहे हैं. अब एम्स ने नए मरीजों के लिए भी चिकित्सकीय परामर्श के दरवाजे खोल दिए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब एम्स में पहले से ही उपचार करा रहे 30 मरीजों के साथ 30 नए मरीज भी प्रत्येक डिपार्टमेंट की ओपीडी में चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे. एम्स की ओर से सोमवार को इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया गया. एम्स की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ओपीडी सेवाएं शुरू करने के दूसरे चरण में प्रत्येक डिपार्टमेंट में पहले से परामर्श लेते रहे 30 और 30 नए मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श लेने की अनुमति दी जाएगी.

एम्स की ओर से कहा गया है कि मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए यह फैसला किया गया है. परामर्श के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ ही इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम के जरिए अपॉइंटमेंट बुक कराए जा सकते हैं. ओपीडी में प्रवेश से पहले मरीजों में इन्फ्लूएंजा की जांच की जाएगी. इसके बाद ही मरीज को ओपीडी में प्रवेश दिया जाएगा.

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एम्स ने सभी क्लिनिकल हेड से भी उन डॉक्टरों की सूची मांगी है, जिन्हें फिजिकल कन्सल्टेशन के लिए नियुक्त किया जाएगा. उन डॉक्टर्स के फोन नंबर भी उपलब्ध कराने को कहा गया है. हालांकि, यह भी साफ कर दिया गया है कि शाम की स्पेशिएलिटी क्लीनिक के लिए कोई अपॉइंटमेंट बुक नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि एम्स ने पहले से ही चिकित्सकीय परामर्श लेते रहे मरीजों के लिए ओपीडी सेवा को शुरू किया था. पहले से ही चिकित्सकीय परामर्श लेते रहे मरीजों के साथ ही नए रोगियों को भी ओपीडी के लिए अपॉइंटमेंट दिए जा रहे थे, लेकिन बहुत ही सीमित संख्या में. एम्स ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास में पहली बार कोरोना के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए अपनी ओपीडी सेवाएं 24 मार्च से बंद कर दी थीं. ऐसा उपलब्ध संसाधनों का कोरोना के खिलाफ उपयोग करने के लिए किया गया था.

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एम्स के ट्रॉमा सेंटर और एनसीआई झज्जर में लगभग तीन महीने से कोरोना संक्रमितों का उपचार चल रहा है. ओपीडी सेवाएं बंद किए जाने के बाद चिकित्सक परामर्श लेते रहे मरीजों को फोन पर ही परामर्श दे रहे थे. इससे पहले एम्स की ओर से जारी किए गए पत्र में जीवन रक्षक सर्जरी को लेकर कहा गया था कि ऐसा 21 मार्च से होगा.

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