मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अंजूल जैसे छोटे से गांव की लड़की रोशनी भदौरिया को महिला एवं बाल विकास विभाग का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. रोशनी भदौरिया हाल ही में घोषित हुए मध्य प्रदेश बोर्ड के 10वीं के नतीजों के बाद सुर्खियों में आई हैं. 10वीं में रोशनी ने 98.5 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.
इसके लिए रोशनी को न सिर्फ घंटे पढ़ाई करनी पड़ी, बल्कि रोजाना 12 किलोमीटर दूर अपने स्कूल भी जाना और फिर वापस 12 किलोमीटर घर वापस आना पड़ता था. इस तरह रोशनी रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाती थी, ताकि उसकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए. रोशनी के इसी जज्बे को देखते हुए मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने घोषणा की कि रोशनी को विभाग का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा.
मंत्री इमरती देवी ने कहा, 'रोशनी ने एक मिसाल पेश की है कि अगर जज्बा बुलंद हो, तो मुश्किल से मुश्किल रास्ता भी आसानी से तय किया जा सकता है. अब रोशनी उन सभी लड़कियों के लिए एक आदर्श बनेगी, जो किसी न किसी कारण से अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाती हैं.'
आपको बता दें कि रोशनी की कामयाबी इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि भिंड जिला देशभर में लिंगानुपात को लेकर भी बदनाम रहा है.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भिंड में लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 838 लड़कियों का है, जबकि ग्रामीण इलाकों में ये और कम 829 है. हालांकि रोशनी की सफलता से लग रहा है कि अब यहां तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है. इस साल मध्य प्रदेश बोर्ड में 15 छात्रों ने 100 प्रतिशत के साथ पहला स्थान हासिल किया है.
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