राजस्थान की सियासी लड़ाई इस वक्त कोर्ट में लड़ी जा रही है. विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट गुट ने हाईकोर्ट का रुख अपनाया था, जिसपर सुनवाई जारी है. लेकिन हर किसी की नज़र इस बात पर है कि आगे क्या होगा, क्या अशोक गहलोत की सरकार बच पाएगी या फिर संकट अभी भी बरकरार है. ऐसे में फैसले के बाद दोनों गुटों की ओर से किस तरह का कदम उठाया जा सकता है, एक नज़र डालिए...
अगर अशोक गहलोत के पक्ष में फैसला आता है तो...
1. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तुरंत पायलट समेत सभी 19 विधायकों को अयोग्य घोषित करवा सकते हैं या फिर कुछ विधायकों को अयोग्य घोषित करवा सकते हैं और जिन विधायकों की वापसी संभव है उनके लिए विधानसभा अध्यक्ष अपना फैसला रोक लेंगे.
2. उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाकर अपना बहुमत साबित कर सकते हैं.
3. बहुमत साबित करने के बाद सचिन पायलट के लिए कठोर फैसला लिया जा सकता है और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
4. सचिन पायलट खेमा सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.
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अगर सचिन पायलट के पक्ष में फैसला आता है तो...
1. यह उनके लिए फौरी तौर पर राहत की बात होगी और उनके साथ गए विधायकों का मनोबल ऊंचा होगा.
2. पायलट गुट के विधायक खुलकर अशोक गहलोत के सामने आ सकेंगे, क्योंकि उन्हें अपनी सदस्यता की चिंता नहीं होगी.
3. पायलट उम्मीद करते हैं कि जब उन्हें लगेगा कि पायलट गुट मजबूत है और दिल्ली तक उनकी पहुंच है तो हो सकता है कुछ और विधायक पायलट के साथ आ जाएं.
4. अशोक गहलोत का खेमा सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.
गौरतलब है कि अभी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है और दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी जा रही हैं. बीते दिन अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी बात रखी और आज मुकुल रोहतगी अपना पक्ष रखेंगे. ऐसे में निगाहें हाईकोर्ट पर ही टिकी हुई हैं.
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