दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 15,933 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. दरअसल, कंपनी ने एजीआर बकाए का भुगतान करने के लिए प्रोविजनिंग किया है. इसलिए उसे इतना बड़ा घाटा हुआ है. हालांकि, एयरटेल की इस पहल से कंपनी के शेयर में 2 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है.
आपको बता दें कि एयरटेल समेत देश की सभी दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों पर एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर बकाया है. ये बकाया संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) का है. एजीआर में मुख्य तौर पर यूजेज और लाइसेंसिग फीस शामिल होते हैं.
आय में इजाफा
पहली तिमाही के दौरान दूरसंचार कंपनी की आय 15.4 प्रतिशत बढ़कर 23,939 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. एयरटेल ने बयान में कहा कि आकस्मिक खर्च को हटा दिया जाए, तो इसे पहली तिमाही में 436 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है.
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इसको जोड़ने के बाद उसका एकीकृत शुद्ध घाटा 15,933 करोड़ रुपये बैठता है. कंपनी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एजीआर के भुगतान की अवधि पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. कंपनी ने कहा कि इसी के मद्देनजर उसने तिमाही के दौरान 10,744.4 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ प्रावधान किया है.
शेयर बाजार का हाल
शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में बढ़त दर्ज की गई. इस दौरान सेंसेक्स 200 अंक से ज्यादा बढ़त के साथ 38 हजार 200 अंक के पार कारोबार कर रहा था. वहीं, निफ्टी की बात करें तो ये करीब 60 अंक की तेजी के साथ 11,250 अंक के स्तर को पार कर लिया.
15 सितंबर तक परिणाम जारी करने का मौका
इस बीच, बाजार नियाममक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों को जून तिमाही का वित्तीय परिणाम जारी करने का समय एक महीने बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है. सेबी को 30 जून को समाप्त तिमाही या छमाही के लिये वित्तीय परिणाम जारी करने को लेकर समयसीमा बढ़ाने को लेकर अनुरोध मिले थे.
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा, ‘‘विचार-विमर्श के बाद वित्तीय परिणाम जारी करने की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया है. 30 जून को समाप्त तिमाही या छमाही के लिये अब 15 सितंबर, 2020 तक वित्तीय परिणाम जारी किये जा सकते हैं.’’
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इससे पहले, सूचीबद्ध कंपनियों को 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही के वित्त परिणाम 14 अगस्त, 2020 तक जारी करने थे. सामान्य तौर पर सूचीबद्ध कंपनियों को सालाना वित्तीय परिणाम वित्त वर्ष समाप्त होने के 60 दिन के भीतर और तिमाही परिणाम तीन महीने की अवधि समाप्त होने के 45 दिन के भीतर जारी करने होते हैं.
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