कानपुर के लैब असिस्टेंट संजीत यादव हत्याकांड के आरोपियों का नार्को टेस्ट कराया जाएगा. इस मामले के तीन हत्यारोपी ज्ञानेंद्र यादव, कुल्दीप गोस्वामी और नीलू सिंह 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में है. ये लोग पूछताछ में बार-बार बयान बदल रहे हैं. हत्या का एक आरोपी रामजी शुक्ला कोरोना पॉजिटिव है. उससे 14 दिन बाद पूछताछ की जाएगी.
दरअसल, संजीत हत्याकांड में कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास भी नहीं है. पुलिस अभी तक संजीत का शव भी बरामद नहीं कर पाई है. साथ ही पुलिस फिरौती से भरा बैग और उसमें रखे गए मोबाइल को भी बरामद नहीं कर सकी है. पुलिस आरोपियों को ले जाकर पांडू नदी में संजीत के शव को खोजने का काम कर चुकी है, जिसमें सफलता नहीं मिली है.
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कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाले लैब असिस्टेंट संजीत यादव का किडनैप उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किया था. किडनैपर्स ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी. आरोपियों के बयान के मुताबिक, उन लोगों ने 26 जून को ही देर रात शव को बोरे में भर पांडू नदी में फेंक दिया था.
किडनैपर्स ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच किडनैपरों को गिरफ्तार किया था. किडनैपर्स ने पुलिस को बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी थी और शव को पांडू नदी में फेंक दिया था. इस हत्याकांड का मास्टरमांइड ज्ञानेंद्र यादव को बताया जा रहा है.
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इस पूरे मामले में पुलिस सभी आरोपियों को अलग-अलग बैठाकर भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन सभी बार-बार अलग-अलग बातें बता रहे हैं. लिहाजा पुलिस इन लोगों से पूरा सच जानने के लिए नार्को टेस्ट करवाना चाहती है. इस मामले मे बर्रा के निलंबित थानाध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध है.
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