आरोप है कि कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदार गोडबोले और आरपी शर्मा और पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल ने कथित रूप से 6.76 करोड़ रुपये के सात फर्जी बिल तैयार किए. छापेमारी के दौरान पुलिस को 10 लाख रुपये की नकदी मिली है. इसके अलावा कुछ अहम दस्तावेज भी मिले हैं.
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला पश्चिमी नौसेना कमान में आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए आकस्मिक व्यय बिल के भुगतान से जुड़ा हुआ है. इस पूरे घोटाले का खुलासा रक्षा मंत्रालय की आंतरिक जांच में हुआ. इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने 23 अक्टूबर 2019 को सीबीआई को जानकारी दी. रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया.
6.76 करोड़ से अधिक हो सकता है घोटाला
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि यह घोटाला 6.76 करोड़ से बड़ा सकता है. मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है और पुराने बिलों के भुगतान की भी पड़ताल की जा सकती है. फिलहाल, सीबीआई की ओर से नेवी अफसरों और कंपनियों से जानकारी जुटाई जा रही है.
किन लोगों पर दर्ज हुआ केस
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदर गोडबोले, कमांडर आर पी शर्मा, पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल के अलावा एस एम देशमने, ए.के. के. विश्वास, इंदू कुंभरे, अनमोल कंदियाबूरू, प्रदीप चौहान, अमर देववाणी (प्राइवेट पर्सन), मेसर्स ACME नेटवर्क एंड आईटी सॉल्यूशन ( कंपनी), कौशल पंचाल साइबरस्पेस इंफोविजन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक, जीतू मेहरा (मेसर्स मोक्ष इंफोसिस कंपनी के मालिक) और मेसर्स स्टार नेटवर्क कंपनी के मालिक लाल चंद यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
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