वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों को लेकर सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है. जून तिमाही की जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट आई है. सरकार की तरफ से मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यम ने इसका जवाब दिया है कि आखिर यह गिरावट क्यों हुई?
ये है सरकार का आंकड़ा
गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है.
क्या कहा सुब्रमण्यम ने
इस भारी गिरावट पर केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि यह अनुमान के मुताबिक ही है, क्योंकि अप्रैल-जून के दौरान लॉकडाउन लगा था. उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में विकास में तेजी आएगी और भारत की इकोनॉमी में 'V' शेप रिकवरी होगी.
भारत ने तिमाही जीडीपी के आंकड़े जब से जारी करने शुरू किये हैं, उसमें यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इसके पहले अगर जीडीपी नेगेटिव होने बात करें तो यह 1979-80 में हुई थी, जब सालाना जीडीपी में 5.2 फीसदी की गिरावट आई थी.
क्या है वजह
केवी सुब्रमण्यम ने कहा, 'देश में दो महीने तक कठोर लॉकडाउन लागू किया गया था. इसके कारण जीडीपी में इतनी भारी गिरावट दर्ज की गई है.' उन्होंने आगे की बात करते हुए कहा कि अब कोर सेक्टर में सुधार हुआ है. बिजली की खपत बढ़ी है, इसके अलावा मालगाड़ी ट्रैफिक में तेजी आई है, ई-वे बिल बढ़ा है. ये ऐसे संकेत हैं जिससे साफ पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है.
उन्होने कहा, 'यह (कोरोना) एक-डेढ़ शताब्दी में होने वाली घटना है, जिसका सामना हम कर रहे हैं. अप्रैल से जून में भारत में लॉकडान की वजह से ज्यादातर आर्थिक गतिविधियों पर रोक थी. ये आंकड़े अनुमान के मुताबिक ही हैं.' उन्होंने कहा कि इस दौरान ब्रिटेन की जीडीपी में भी 22 फीसदी की गिरावट आई है.
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