लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. पिछले तीन दिनों में तीन बार चीन ने अलग-अलग इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की है. एक तरफ चीन बातचीत का ढोंग कर रहा है, तो दूसरी ओर घुसपैठ कर अपना असली चेहरा दिखा रहा है. लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने हर बार चीन की कोशिशों को नाकाम कर दिया.
बीते दिन जब भारत और चीन में ताजा विवाद को निपटाने के लिए ब्रिगेडियर कमांडर लेवल की बात हो रही थी, तब चीन ने चुमार इलाके में घुसपैठ की कोशिश की. सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से 7-8 बड़े वाहन भारतीय सीमा की ओर आने लगे, लेकिन चेपूज़ी कैंप के पास जहां भारतीय सेना के जवान पहले से मुस्तैद से उन्हें आगे ना बढ़ने दिया.
अब भारतीय सेना की ओर से इस इलाके में अपने जवानों और सैनिकों को तैनात कर दिया गया है. चीनी सेना की लगातार उकसाने वाली हरकतों के बाद भारतीय सेना इस वक्त हाई अलर्ट पर है.
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आपको बता दें कि इस कोशिश से पहले भी 29-30 अगस्त की रात और फिर 31 अगस्त की रात को चीन की ओर से घुसपैठ की कोशिश की गई है. 29-30 की रात को चीन ने पैंगोंग इलाके के साउथ क्षेत्र में आने की कोशिश की, तो वहीं 31 की रात को चीनी जवान काला टॉप के पास आना चाहते थे. जब चीनी जवान उस ओर बढ़े तो भारतीय जवानों ने उन्हें देखा और मेगाफोन पर ही चेतावनी दे दी, जिसके बाद चीनी उल्टे पांव लौटे.
चीन के द्वारा लगातार घुसपैठ की कोशिशों पर भारत ने सख्त रवैया अपनाया है. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तीन ने लगातार बॉर्डर पर उकसाने वाले काम किए हैं और घुसपैठ की कोशिश की है. हमने चीन के सामने डिप्लोमेटिक और मिलिट्री लेवल पर इस मसले को उठाया है.
इसी विवाद पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजित डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और ताजा हालात के बारे में जाना. बॉर्डर पर चुशूल इलाके में अभी भी ब्रिगेडियर कमांडर लेवल की बात कर मसले को शांत करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन चीन है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
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