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मध्य प्रदेश

MP: बाढ़ का कहर, गरीबों को बांटे जाने वाला 6 करोड़ का चना-गेहूं बर्बाद

मध्य प्रदेश में बाढ़ में भारी तबाही मचाई है. लोगों के घर और गांव तक पानी में डूब गए. वहीं, बालाघाट की गूगले कृषि मंडी में बने वेयरहाउस में 6 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का चना और गेहूं भी पूरी तरह से नष्ट हो गया. दरअसल, जिस गोदाम में सरकारी अनाज रखा था, उसमें पूरे 2 दिन तक पानी भरा रहा जिससे गोदाम में रखा सारा अनाज सड़ने लगा. ऐसे में चने पर अंकुर लग गए और गोदाम में रखा गेहूं भी बर्बाद हो गया. 

गोदामों पर एक के ऊपर एक थपियों में (stag) जमा और गेहूं सरकार ने सपोर्ट प्राइस पर किसानों से खरीदा था जिसे बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गरीबों में बांटा जाना था. लेकिन बालाघाट में आई बाढ़ में 6 करोड़ से अधिक मूल्य का चना और गेहूं पूरी तरह बर्बाद हो गया. बोरे में रखे हुए अनाज में घुन (कीड़े) लग गए हैं. बड़े पैमाने पर यह चना अंकुरित हो गया है.

मध्यप्रदेश में बाढ़ की तबाही का यह दूसरा पहलू है जिसमें सिर्फ खेत और लोगों के मकान ही नहीं गोदामों में रखा अनाज भी पूरी तरह नष्ट हो गया है. नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक मनोहर पाटिल का कहना है कि शासन का भंडारित गोदाम है जिसमें 9 से 10000 बोरा गेहूं और चना बारिश में भीग गए हैं. इनके अंकुरित हो जाने से यहां 6 करोड़ रुपये से ऊपर का नुकसान हुआ है.

बालाघाट में वेनगंगा में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. सरकारी गोदाम में रखे हुए अनाज के पानी में डूब जाने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है हालांकि, यहां का प्रशासन इसे धूप में सुखाकर बचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. अनाज बचाने की कोशिश बेकार ही साबित होती नजर आ रही है.

श्रमिक रमेश यादव का कहना है कि हम इस अनाज को बाहर निकाल कर सुखाने की कोशिश कर रहे हैं. अनाज सड़ जाने के कारण बोरे गर्म हो गए हैं. प्रयास तो जारी है लेकिन इसका बचना संभव नहीं है. दूसरी ओर, बालाघाट जिले में 1000 से अधिक मकान गिरे हैं और 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. फिलहाल प्रशासन बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने में जुटा है.

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