इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रहे हुक्का बार पर रोक लगा दी है. साथ ही आदेश जारी किया है कि किसी भी रेस्त्रां या कैफे में हुक्का बार चलाने की अनुमति ना दी जाए. इस संबंध में 30 सितंबर तक रिपोर्ट भी कोर्ट ने मांगा है.
न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट हरगोविंद पांडे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट हरगोविंद पांडे ने एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की थी. इस याचिका में हुक्का बार पर प्रतिबंध की बात कही गई थी. इसके लेकर छात्र ने अधिकारियों को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया.
फिर हरगोविंद पांडे ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न याचिका स्वीकार कर ली जाए, लेकिन कोई जवाब नहीं दाखिल किया गया. इस पर कोर्ट ने हुक्का बार की अनुमति न देने का समादेश जारी कर इसका पालन करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश की प्रति मुख्य सचिव व प्रदेश के सभी डीएम को अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया है. कोर्ट के मुताबिक, रेस्त्रां या कैफे में हुक्का बार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो ये सामुदायिक संक्रमण का रूप ले लेगा.
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