कानपुर के बिकरू कांड में पुलिस की मुसीबत बढ़ सकती है. दरअसल, एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी को कानपूर देहात के किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग माना है. बोर्ड ने 2 जुलाई को हुई घटना के दिन खुशी की उम्र 16 साल 10 महीने 12 दिन मानी है. यानी वह नाबालिग है.
गौरतलब है कि 2 जुलाई को हुए बिकरू कांड के दो दिन बाद ही पुलिस ने खुशी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, जबकि उसे किशोर गृह में भेजा जाना चाहिए था. पुलिस की जल्दबाजी से वह दो महीने से जेल में बंद है. खास बात ये है कि बिकरू कांड से तीन दिन पहले यानी 29 जून को ही खुशी की अमर से बिकरू गांव में ही विकास दुबे के घर पर शादी हुई थी.
खुशी के वकील शिवाकांत का कहना है कि हमने खुशी के नाबालिग होने के कागजात आदलत में लगाए थे, जिसकी जांच अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड को सौंपी थी. 1 सितम्बर को कानपूर देहात के किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में खुशी को नाबालिग माना है. अब हम उसकी जमानत की अपील करेंगे. पुलिस ने गलती की है, उसको गलती सुधारनी चाहिए.
इस बीच बिकरु काण्ड के मास्टर माइंड विकास दुबे के खात्मे के बाद पुलिस की नजर अब उसके खजांची जय बाजपेई पर है. पुलिस ने जय बाजपेई को जेल तो भेज दिया. साथ ही उसकी काली कमाई और कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले तीन भाइयों के खिलाफ शिकंजा कसे हुए है.
पुलिस ने जय बाजपेई के तीनों भाइयों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी, लेकिन अभी तक हाजिर न होने के चलते कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस ने मुनादी करते हुए ब्रह्मनगर स्थित 6 मकान, आर्य नगर के दो फ्लैट सहित पनकी और सिंह पुर व स्वरूप के मकान पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया है.
कानपुर नगर के एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि जय बाजपेई और उसके भाइयों द्वारा विकास दुबे के अपराधों शामिल होना पाया गया था, जिसपर कानूनी कार्रवाई की गई, लेकिन जय बाजपेई के तीन भाई अभी भी फरार हैं, इसलिए कुर्की का आदेश जारी किया गया है. अगर आरोपी फरार रहते हैं तो संपत्ति को कुर्क कर दिया जाएगा.
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