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दिल्ली हिंसा: चार्जशीट में दावा- ताहिर हुसैन समेत 5 लोगों के खाते में आए थे 1.61 करोड़

दिल्ली पुलिस ने 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इसमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए कई लोगों को बड़ी साजिश का हिस्सा माना गया है.

पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, एक्टिविस्ट खालिद सैफी, बर्खास्त आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया मिलिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष शिफा उर रहमान और जामिया के छात्र मीरन हैदर ने नागरिता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का प्रबंध करने के लिए कथित तौर पर 1.61 करोड़ रुपये लिए. इन लोगों ने ही फरवरी में पूर्वी दिल्ली में हिंसा फैलाने की साजिश रचने का काम किया. दिल्ली पुलिस ने एक चार्जशीट में यह बात कही है.

दिल्ली पुलिस ने 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इसमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए कई लोगों को एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना गया है. चार्जशीट में कहा गया है, जांच के दौरान यह पता चला है कि 1 दिसंबर, 2019 से 26 फरवरी, 2020 के दौरान कुल 1,61,33,703 रुपये आरोपी व्यक्तियों इशरत जहां, खालिद सैफी, ताहिर हुसैन, शिफा उर रहमान और मीरन हैदर को प्राप्त हुए थे. इन लोगों को यह राशि बैंक खाता या नकद में मिली थी. कुल 1.61 करोड़ रुपये में से 1,48,01186 रुपये नकद के रूप में निकाले गए और विरोध प्रदर्शन स्थलों के प्रबंधन के साथ-साथ दिल्ली में दंगों में रची गई साजिश को अंजाम देने के लिए खर्च किए गए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चार्जशीट के दस्तावेज में दावा किया गया है कि आगे की जांच में पाया गया है कि 10 दिसंबर को आरोपी इशरत जहां ने अपने बैंक खाते में 4 लाख रुपये एक कॉरपोरेशन बैंक खाते से प्राप्त किए. जांच करने पर महारास्ट्र से महादेव विजय कास्ते के नाम से खाता पाया गया. जांच के दौरान कास्ते ने खुलासा किया कि वह इशरत जहान को सीधे नहीं जानता है और वह महाराष्ट्र के रहने वाले समीर अब्दुल साई के लिए ड्राइवर का काम करता है.

चार्जशीट में कहा गया है कि कास्ते ने बताया कि अब्दुल साई के निर्देश पर उसने आईसीआईसीआई बैंक से 4,31,700 रुपये का गोल्ड लोन लिया. इस राशि को आईसीआईसीआई बैंक से उस कॉरपोरेशन बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया. साई ने पूछताछ में बताया है कि गाजियाबाद का इमरान सिद्दीकी उसका बिजनेस पार्टनर है.

चार्जशीट में कहा गया है, “9 दिसंबर, 2019 को इमरान ने इशरत जहां, गुलज़ार अली और बिलाल अहमद से संबंधित तीन बैंक खाता नंबर दिए थे और उसे इन 3 खातों में तत्काल 10 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा था. जैसा कि उन्होंने 10 लाख रुपये ट्रांसफर करने में असमर्थता जताई, उन्होंने तुरंत इशरत जहां के खाते में 5 लाख रुपये डालने का आग्रह किया." पुलिस ने चार्जशीट में आगे आरोप लगाया है कि जहां के बैंक खातों की जांच करने पर यह पाया गया कि 10 जनवरी, 2020 को उसके खाते में 1, 41,000 रुपये नकद जमा थे.

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